अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए सेना की जासूसी करवाने के मामले में यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को दिल्ली में फिर से छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस ने साउथ दिल्ली में रेड की, जहां से जासूसी के मास्टर माइंड गुलशन कुमार सेन को बीती 24 जनवरी के दिन गिरफ्तार किया गया था.
साउथ दिल्ली में महरौली से गुलशन कुमार सेन की गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ उसे रिमांड पर लेकर शुक्रवार को महरौली के उसी ठिकाने पर पहुंची, जहां से उसे पकड़ा गया था. उस मकान में एसटीएफ को एक अवैध सर्वर और स्विचबॉक्स मिला.
सर्वर के लिए माइक्रोटेक का एक एंटीना मकान की छत पर लगा हुआ था. जिससे प्वाइंट टू प्वाइंट इंटरनेशनल कॉल को इंडियन नंबर में तब्दील करके बात कराई जाती थी.
गौरतलब है कि गुरुवार को भी यूपी एसटीएफ ने वेस्ट दिल्ली के पंजाबी बाग में फिटजी के ऑफिस में रेड की थी. जहां से 6 सिमबॉक्स और कई महत्वपूर्ण डिवाइस बरामद हुए थे. इस मामले में अभी तक पुलिस ने गुलशन सहित कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
एसटीएफ के अनुसार जम्मू कश्मीर मिलिट्री से सूचना मिली थी कि लखनऊ के आसपास कुछ अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगाए गए हैं, जहां पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाली कॉल को इंडियन फोन नम्बर में कन्वर्ट किया जा रहा था. इस सूचना पर यूपी एसटीएफ हरकत में आई और गुलशन सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया.
जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी गुलशन कुमार सेन इंटरनेट कॉल को वाइस कॉल में कन्वर्ट करके विदेशों से बात करवाता था. उसके इस अवैध नेटवर्क का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए भी हो रहा था. उसके माध्यम से सैन्य अधिकारियों को कॉल जाती थी और उनसे गुप्त सूचनाएं मांगी जाती थी.
जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी गुलशन पांच साल तक अफगानिस्तान में रहकर NATO सेनाओं के साथ काम कर चुका है. इस जासूसी के लिए गुलशन को एक लाख रूपये महीना मिलता था. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
परवेज़ सागर / तनसीम हैदर