सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. विवादित ट्वीट करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रशांत भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दर्ज किया था.
बुधवार को शीर्ष कोर्ट ने कहा, 'प्रथम दृष्टया हमारा यह मानना है कि ट्विटर पर की गई बयानबाजी से न्याय प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचा है. ऐसी बयानबाजी सामान्य रूप से जनता की नजर में सुप्रीम कोर्ट और खासकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के कार्यालय की गरिमा और प्राधिकार को कम करने में सक्षम हैं.'
इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच कर रही है. यह पहली बार नहीं है, जब सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई है. प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और अवमानना की कार्यवाही का मामला लंबित है.
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उस मामले में पिछली बार साल 2012 में सुनवाई हुई थी. इसके बाद से अब तक वह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुआ. आपको बता दें कि सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण कई मौके पर सुप्रीम कोर्ट की आलोचना कर चुके हैं. हाल ही में प्रशांत भूषण ने कोरोना संकटकाल में प्रवासी मजदूरों से संबंधित मामलों को लेकर शीर्ष अदालत की आलोचना की थी. इसके अलावा उन्होंने भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी.
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अनीषा माथुर