भारतीय स्टूडेंट्स के लिए मेडिकल हब बन रहा है चीन

भारतीय स्टूडेंट्स को इंग्लैंड और अमेरिका के बाद हायर एजुकेशन के लिए चीन भाने लगा है. चीन ने विदेशी स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए काफी अच्छी सुविधा और माहौल उपलब्ध कराया है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

भारतीय स्टूडेंट्स को इंग्लैंड और अमेरिका के बाद उच्च शिक्षा के लिए चीन भाने लगा है. चीन ने विदेशी स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए काफी अच्छी सुविधा और माहौल उपलब्ध कराया है. अगर बात चीन के कॉलेजों की करें तो चीन में पिछले दशक की तुलना में अभी यूनिवर्सिटीज की संख्या दोगुनी हो गई है. चीन अपनी जीडीपी का चार फीसदी हिस्सा एजुकेशन पर खर्च करता है.

ज्यादातर स्टूडेंट्स मेडिकल एजुकेशन के लिए चीन का रुख करते हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद चीन दुनिया का मेडिकल एजुकेशन हब बन गया है. स्टूडेंट्स की पहली पसंद वे देश होते हैं, जहां की स्टडी उनके आर्थिक बजट के अंदर होती है. अगर बात आर्थिक बजट की करें तो चीन अन्य यूरोपीय देशों की अपेक्षा सस्ता है.

चीन में पढ़ाई करने के लिए अब चाइनीज सीखना भी जरूरी नहीं रह गया है. चीन में विदेशी स्टूडेंट्स के लिए अलग से बैच होते हैं जिसमें इंग्लिश में पढ़ाई करवाई जाती है. चीन की करीब 50 यूनिवर्सिटीज ऐसी हैं जो इंग्लिश में मेडिकल कोर्स पढ़ाती हैं.

चीन में पढ़ाई करने के लिए महत्वपूर्ण कोर्सेज:
एमबीए
फाइन आर्ट्स
सैरीकल्चर एंड बॉटनी
चाइनिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर
मेडिकल

चीन के बेस्ट यूनिवर्सिटीज:

पीकिंग यूनिवर्सिटी
बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
सिंग्हुआ यूनिवर्सिटी
शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी

चीन सरकार ने भारतीय स्टूडेंट्स के लिए कई सारी स्कॉलरशिप की व्यवस्था भी की है. चीन की सरकार सभी स्टूडेंट्स को बोर्डिंग, मेडिकल केयर और ट्यूशन की सुविधा भी देती है. चीन के सरकारी स्कॉलरशिप के अलावा भारत सरकार अलग से आर्थिक मदद स्टूडेंट्स को देती है.


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