जनरल विपिन रावत भले दृढ़-निश्चयी सेना प्रमुख हों, पर लगता है कि पिछले एक अरसे से पूर्व सैन्यकर्मियों से उनके संबंध अच्छे नहीं रहे हैं.
कैंटीन की सुविधा प्रतिबंधित करने के कदम से सेवानिवृत्त सैनिकों में नाराजगी है और उन्होंने अपने गुस्से का इजहार किया है.
इसको लेकर सोशल मीडिया पर जब रावत को निशाना बनाया गया तो सेना ने सेवारत सैन्यकर्मियों को पूर्व सैनिकों वाले व्हाट्सऐप ग्रुप से दूर रहने का आदेश दिया.
सेना मुख्यालय अब पूर्व सैनिकों के आचरण को लेकर आचार संहिता बनाने पर विचार कर रहा है. पर यह समझ से परे है कि सेना के कानून से मुक्त हो चुके सैन्यकर्मियों पर वह कैसे लागू होगी.
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संदीप उन्नीथन