दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के अध्यक्ष रजत शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ दिया है. उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता वाले मेरे सिद्धांतों के साथ डीडीसीए में चलना संभव नहीं है, जिनसे मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा.'
रजत शर्मा ने इस्तीफा देते हुए DDCA मेम्बर्स से कहा, 'जब से आपने मुझे DDCA का अध्यक्ष चुना है, मैंने लगातार आपसे संवाद जारी रखा है. मैं समय-समय पर आपको अपने काम के बारे में जानकारी देता रहा हूं. मैंने DDCA को बेहतर बनाने के लिए, प्रोफेशनल और पारदर्शी बनाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उसके बारे में आपको बताया है.'
DDCA: रजत शर्मा के इस्तीफे के बाद CEO और CAC ने भी पद छोड़ा
रजत शर्मा ने कहा, 'मैंने आपसे किए गए वादों के पूरा होने की जानकारी दी. यहां काम करना आसान नहीं था, लेकिन आपके विश्वास ने मुझे ताकत दी. आज मैंने डीडीसीए का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है और अपना इस्तीफा एपेक्स काउंसिल को भेज दिया है. आपने जो प्यार और सम्मान मुझे दिया है उसके लिए मैं हमेशा आपका आभारी रहूंगा.'
दरअसल, रजत शर्मा ने संस्था के बीच चल रही ‘खींचतान और दबावों’ में पद पर बने रहने में असमर्थता जताई. शर्मा का कार्यकाल उतार चढ़ाव से भरा रहा. इस बीच उनके महासचिव विनोद तिहाड़ा से मतभेद सार्वजनिक तौर पर सामने आए, तिहाड़ा को संगठन में अच्छा समर्थन हासिल है.
रजत शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे. डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गए थे, क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे.
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