कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दुनिया पर युद्ध का साया, 3000 सैनिक गल्फ भेज रहा US

3000 सैनिकों का ये दस्ता उन 700 सैनिकों के अलावे है जिन्हें इसी हफ्ते कुवैत भेजा गया था. अमेरिका ने ये तैनाती तब की थी जब ईरान समर्थित लड़कों ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हमला कर दिया था. अमेरिका की इन तैयारियों से पता चलता है कि वो ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पैदा हुए हर हालात से निपटने के लिए तैयार है.

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अमेरिकी हमले में मारे गए ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी (फाइल फोटो-एपी) अमेरिकी हमले में मारे गए ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी (फाइल फोटो-एपी)

aajtak.in

  • वाशिंगटन/तेहरान,
  • 04 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:16 AM IST

  • ईरान-अमेरिका के बीच तनाव चरम पर
  • 3000 सैनिक गल्फ भेज रहा US
  • 'ईरान में सत्ता बदलाव नहीं चाहते'

ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दुनिया में युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. ईरान ने कहा है कि वो अपने कमांडर की मौत का बदला अमेरिका से लेकर रहेगा. अमेरिका इन खतरों को भांपकर खाड़ी देशों में 3000 और सैनिक भेज रहा है. इसके जरिए अमेरिका खाड़ी देशों में अपनी किलेबंदी करने में जुटा है.

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3000 सैनिक गल्फ भेज रहा अमेरिका

समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक अमेरिका के रक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि जिन 3000 सैनिकों को गल्फ भेजा जा रहा है वे 82वें एयरबॉर्न डिविजन के हैं और नॉर्थ कैरोलिना स्थित फोर्ट ब्रेग से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि अपना नाम न बताने की शर्त पर इस अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने अबतक इस फैसले की घोषणा नहीं की है.

3000 सैनिकों का ये दस्ता उन 700 सैनिकों के अलावे है जिन्हें इसी हफ्ते कुवैत भेजा गया था. अमेरिका ने ये तैनाती तब की थी जब ईरान समर्थित लड़कों ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हमला कर दिया था. अमेरिका की इन तैयारियों से पता चलता है कि वो ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पैदा हुए हर हालात से निपटने के लिए तैयार है.

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14000 सैनिक भेज चुका है अमेरिका

पिछले सप्ताह 700 सैनिकों की तैनाती से पहले अमेरिका मई से पिछले सप्ताह तक 14000 सैनिक मध्य-पूर्व में भेज चुका है. मई में ही अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि ईरान अमेरिकी हित के ठिकानों पर हमले की योजना बना रहा है.

तेहरान कासिम सुलेमानी की मौत पर शोक मनाती महिलाएं (फोटो-एपी)

युद्ध टालने के लिए है हमला

इधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कासिम सुलेमानी का 'खात्मा' इसलिए किया गया क्योंकि वो अमेरिकी डिप्लोमैट्स पर हमला करने ही वाला था. हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान की मौजूदा सरकार को गिराना नहीं चाहता है. ट्रंप ने फ्लोरिडा में कहा, "सुलेमानी अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य अधिकारियों पर हमला करने ही जा रहा था, लेकिन हमने उसे बीच में ही पकड़ लिया और उसका खात्मा कर दिया"

हालांकि ट्रंप ने टकराव की संभावनाओं को मौजूदा वक्त के लिए खारिज करते हुए कहा कि वे ईरान के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा, "पिछली रात को हमारे द्वारा लिया गया एक्शन युद्ध को रोकने के लिए उठाया गया था, हमने युद्ध शुरू करने के लिए एक्शन नहीं लिया. हम ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते हैं." हालांकि अमेरिका के इन तर्कों से ईरान जरा भी संतुष्ट नहीं दिखता है.

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अंजाम भुगतने का इंतजार करे अमेरिका- ईरान

कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की हमले में मौत से भड़के ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खुमैनी ने बदला लेने का संकल्प लिया है. तेहरान स्थित प्रेस टीवी के मुताबिक खुमैनी ने कहा कि, "धरती के सबसे क्रूर लोगों ने' सम्मानीय कमांडर की हत्या की, जिन्होंने दुनिया की बुराइयों और डकैतों के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ाई लड़ी." उन्होंने कहा, "उनकी मौत से उनका मिशन नहीं रुकेगा, लेकिन जिन अपराधियों ने गुरुवार रात जनरल सुलेमानी और अन्य शहीदों के खून से अपने हाथ रंगे हैं, उन्हें जरूर एक जबरदस्त बदले की, अंजाम भुगतने की प्रतीक्षा करनी चाहिए."

जनरल कासिम सुलेमानी की तस्वीर लिए एक बच्चा (फोटो-एपी)

नहीं बिगड़ने चाहिए हालात

इस बीच भारत ने कहा है कि ईरानी सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या से मध्य पूर्व की स्थिति आगे और नहीं बिगड़नी चाहिए. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "तनाव में वृद्धि ने दुनिया को सशंकित किया है. इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह जरूरी है कि स्थिति आगे बिगड़े नहीं. भारत ने लगातार संयम बनाए रखने का समर्थन किया है और ऐसा करना जारी रखेगा."

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