पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ पर समीक्षा बैठक, केंद्र सरकार ने दिया हर मुमकिन मदद का भरोसा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में गुरूवार को मीटिंग की. मीटिंग के बाद उन्होंने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन से पीड़ित राज्यों की हर मुमकिन मदद की जाएगी.

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असम में बाढ़ की भयावह तस्वीर असम में बाढ़ की भयावह तस्वीर

अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST

पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन से जीवन बेहाल है. बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं भूस्खलन से मलबे में दबकर भी लोगों की जान जा रही हैं. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में गुरूवार को मीटिंग की. मीटिंग के बाद उन्होंने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन से पीड़ित राज्यों की हर मुमकिन मदद की जाएगी.

 

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी प्रभावित राज्यों की सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. जितेंद्र सिंह ने बताया बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है. उन्होंने कहा जो भी कमियां हैं, उन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा.

 

इस बैठक में बाढ़ से हुए नुकसान की समीक्षा भी की गई. बैठक में राज्यों के संबंधित अधिकारी और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी मौजूद थे. जितेंद्र सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार राहत और बचाव कार्यों में राज्य सरकारों को हर तरह की सहायता प्रदान करने को तैयार हैं. इसीलिए गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के नेतृत्व में असम, अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक दल गया है और केंद्र सरकार लगातार वहां की सरकारों के साथ संपर्क में है.

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जितेंद्र सिंह ने ये भी बताया कि बाढ़ और भूस्खलन के बाद महामारी फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से भी संपर्क किया गया है. मंत्रालय से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जरूरी इंतजाम के प्रबंध की बात की गई है. इसके साथ ही संचार लाइनों को बहाल करने के लिए दूर संचार मंत्रालय से भी बात की गई है.

 

बता दें कि बाढ़ से पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी नुकसान हुआ है. अरुणाचल प्रदेश, असम और मणिपुर के 58 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. अब तक बाढ़ और भूस्खलन के चलते करीब 80 लोगों की मौत हो गई है.

 

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