राष्ट्रीय महिला आयोग ने लंदन की एक एजेंसी द्वारा भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जारी किए गए सर्वे रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. सर्वे में कहा गया था कि दुनिया भर में भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश है. इस लिस्ट में भारत की जगह अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भी बदतर दिखाई गई थी.
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने आज तक से बातचीत करते हुए इस रिपोर्ट पर सवाल उठाया और इसे गलत बताया. राष्ट्रीय महिला आयोग प्रमुख का कहना है कि इस रिपोर्ट में बहुत ही कम महिलाओं की राय ली गई है और अगर यह रिपोर्ट ज्यादा दर्दनाक शिकायतों के आधार पर बनाई गई है तो यह रिपोर्ट बकवास है.
रेखा शर्मा का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पहले भी बढ़ रहे थे, लेकिन अब ज्यादा पारदर्शिता सक्रिय मीडिया और कड़े कानून के चलते महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की शिकायतें ज्यादा से ज्यादा तादाद में दर्ज हो रही हैं जो एक अच्छी बात है.
रेखा शर्मा का कहना है कि पहले कामकाजी महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें उचित कानून के अभाव में दर्ज नहीं हो पाती थी, जो अब दर्ज हो रही हैं जो एक अच्छी बात है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि हाल ही में जो केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के साथ सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग जैसी घटना हुई वह यह दर्शाती है कि अगर केंद्रीय मंत्री को ट्रोल किया जा सकता है. तो देश में किसी भी महिला को कभी भी सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा सकता है.
आजतक से बातचीत में राष्ट्रीय महिला आयोग प्रमुख ने कहा कि हमारी इंफोर्समेंट एजेंसी इन से लड़ने के काबिल फिलहाल नहीं है. इंटरनेट की सुगमता को भी महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा का एक बड़ा कारण बताते हुए कहा कि पहले परिवारों की एक साथ रहने की स्थिति में बच्चों का पालन पोषण बेहतर तरीके से हो पाता था लेकिन अब छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में जिस तरीके से इंटरनेट पहुंच चुका है उसे वह कभी भी कहीं भी पॉर्न जैसी चीजों तक पहुंच बना चुके हैं.
राशि महिला की प्रमुख का कहना है कि जब तक हम घर से लेकर स्कूल कॉलेज तक सेक्स एजुकेशन और बच्चों को इनसे जुड़ी हुई शिक्षा नहीं देते तब तक सिर्फ कानून के सहारे महिलाओं के खिलाफ हिंसा को नहीं रोका जा सकता क्योंकि कानून अपराध होने के बाद काम करता है.
विकास जोशी / आशुतोष कुमार मौर्य