अंतरिक्ष में अकेले नहीं हम! वो ग्रह जहां मिल सकता है जीवन

आम लोगों में बहुत कम जानते हैं कि जीवन की संभावना वाले ग्रहों की संख्या का अंदाजा लगाने के लिए बाकायदा वैज्ञानिक इक्वेशन है. ड्रेक इक्वेशन के मुताबिक सिर्फ हमारी आकाशगंगा में ही 10 हजार से लेकर 10 करोड़ तक परग्रही सभ्यताएं हो सकती हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि जीवन सिर्फ उन ग्रहों में मुमकिन है जो अपने सितारों से एक खास दूरी पर हों.

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इन ग्रहों पर हो सकता है जीवन! इन ग्रहों पर हो सकता है जीवन!

संदीप कुमार सिंह

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  • 23 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

क्या हम अंतहीन अंतरिक्ष में अकेले हैं? शायद ही इंसानियत के लिए इससे अहम कोई और सवाल है. सदियों से इंसान इस सवाल का जवाब खोज रहे हैं लेकिन स्पेस तकनीक के बढ़ते कदमों ने पिछले कुछ दशकों में आसमान के उस पार के अनगिनत जहानों का झरोखा खोला है.

अनंत हैं जीवन की संभावनाएं
आम लोगों में बहुत कम जानते हैं कि जीवन की संभावना वाले ग्रहों की संख्या का अंदाजा लगाने के लिए बाकायदा वैज्ञानिक इक्वेशन है. ड्रेक इक्वेशन के मुताबिक सिर्फ हमारी आकाशगंगा में ही 10 हजार से लेकर 10 करोड़ तक परग्रही सभ्यताएं हो सकती हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि जीवन सिर्फ उन ग्रहों में मुमकिन है जो अपने सितारों से एक खास दूरी पर हों. जीवन की संभावना वाले इस ज़ोन को गोल्डीलॉक जोन कहा जाता है. नासा के कैपलर मिशन ने हमारे सौर मंडल के बाहर अब तक ऐसे 216 ग्रह खोजे हैं जो गोल्डीलॉक जोन में आते हैं. आपको बताते हैं इनमें से कौन से 10 ग्रहों पर हालात जिंदगी के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल हैं:

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1-यूरोपा
यूरोपा वृहस्पति ग्रह के चार चंद्रमाओं में से एक है. वैज्ञानिकों को यकीन है कि यूरोपा पर बर्फ का बड़ा समंदर मौजूद है. अंदाजा लगाया गया है कि यूरोपा पर धरती के समान हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की मौजूदगी भी मुमकिन है. हो सकता है कि यूरोपा में समंदर की जमी पर्त के नीचे कुदरत ने जिंदगी का भरा-पूरा खेल रचा हो.

2-कैपलर 186 एफ
ये सौर मंडल के बाहर खोजा गया पहला ऐसा ग्रह था जो अपने सितारे से इतनी दूरी पर है कि वैज्ञानिक यहां जिंदगी के निशान खोज सकें. कैपलर 186 एफ धरती से 490 प्रकाश वर्ष दूर है और धरती से करीब 10 गुना बड़ा है.

3- ग्लीस 581 जी
ग्लीस 581 जी को 2010 में खोजा गया था. चट्टानों से बना ये ग्रह धरती से 20 प्रकाश वर्ष दूर है और धरती से 2-3 तीन गुना बड़ा है. तुला तारामंडल में ये ग्रह 30 दिन में अपने सितारे का चक्कर काटता है.

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4-ग्लीस 667 सीसी
इस ग्रह को 'सुपर अर्थ' का नाम दिया गया है. वृश्चिक तारामंडल में ये ग्लीस 667 सीसी धरती से सिर्फ 22 प्रकाश वर्ष दूर है. इसका आकार धरती से 4.5 गुना बड़ा है.

5-कैपलर 22 बी
कैपलर-22बी धरती से 600 प्रकाश वर्ष दूर है. आकार में धरती से 2.5 गुना बड़ा होने के बावजूद इस ग्रह पर धरती की तरह ग्रीनहाउस इफेक्ट है. वैज्ञानिकों के मुताबिक कैपलर 22बी का औसत तापमान 22 डिग्री सेल्सियस है जो जीवन के अनुकूल है. इस ग्रह का सितारा भी सूरज से काफी मिलता-जुलता है.

6-एचडी 40307
पिक्टोर नाम के तारामंडल में स्थित एचडी 40307 धरती से 22 प्रकाश वर्ष दूर है. जल्द ही ऐसे टेलीस्कोप उपलब्ध होंगे जो इस ग्रह की सतह को देख पाएंगे. ये ग्रह अपने सितारे से करीब करीब 9 करोड़ किलोमीटर दूर है. ये धरती और सूरज के बीच का दूरी का लगभग आधा है.

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