9 साल की बच्ची से रेप पर झारखंड सरकार को HC से फटकार

झारखंड के घाटशिला जिले में एक बच्ची के साथ रेप की घटना पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने दो दिनों के भीतर पीड़ित बच्ची के परिवार को एक लाख रुपये की सहायता देने की बात कही है, वहीं बच्ची को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के भी आदेश दिए हैं. बच्ची को रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया है.

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aajtak.in

  • रांची,
  • 30 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

झारखंड के घाटशिला जिले में एक बच्ची के साथ रेप की घटना पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने दो दिनों के भीतर पीड़ित बच्ची के परिवार को एक लाख रुपये की सहायता देने की बात कही है, वहीं बच्ची को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के भी आदेश दिए हैं. बच्ची को रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया है.

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गौरतलब है कि पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया इलाके में रेप की यह घटना करीब महीने भर पुरानी है. बताया जाता है कि नौ साल की नाबालिग बच्ची को एक ट्रक ड्राइवर ने अपने हवस का शिकार बनाया है. इस यौन हिंसा में बच्ची इस कदर जख्मी हुई की उसे करीब महीनेभर अस्पताल में रहना पड़ा. इलाज के दौरान उसका ऑपरेशन भी हुआ. हालांकि डॉक्टरों ने मरहम पट्टी के लिए उसे रोजाना अस्पताल आने को कहा है.

चार किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाता है पिता
लड़की का पिता एक गरीब मजदूर है. ऐसे में वह बच्ची को अपनी गोद में लेकर हर दिन चार किलोमीटर दूर अस्पताल जाता था. बच्ची के इलाज में इस मजबूर पिता ने घर के सभी सामान बेच डाले है. हालांकि कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए पूर्वी सिंहभूम के अधिकारियों को तत्काल हाथीपाड़ा गांव भेजा है. उन्हें एक लाख रुपये का चेक, 5 हजार कैश, कपड़े और साइकिल दी गई है. अधि‍कारियों ने पूरे मामले की जानकारी भी ली. इस बीच मेदांता अस्पताल ने बच्ची के इलाज का पूरा खर्च उठाने की बात कही है.

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क्या और कैसे दिया वारदात को अंजाम
जानकारी के मुताबिक, घटना बीते 2 जुलाई की है. बच्ची स्कूल से घर लौट रही थी, तभी एक ड्राइवर ने चॉकलेट के बहाने बहला-फुसलाकर रेप की घटना को अंजाम दिया. ड्राइवर ने वारदात के बाद बच्ची को नदी किनारे छोड़ दिया. बच्ची के पिता ने उसे इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती किया. 17 जुलाई को हालत बिगड़ने पर डीसी की पहल पर उसे दोबारा एमजीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया. यहां 30 जुलाई तक इलाज चला, डिस्चार्ज होने के बाद बच्ची को रोज ड्रेसिंग की सलाह दी गई.

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