केंद्र सरकार के दावों के बावजूद बिहार के ज्यादातर एटीएम में कैश की समस्या बरकरार है. केंद्र सरकार ने 2 दिन पहले दावा किया था कि जिन राज्यों में पैसे की कमी हो गई है, वहां ज्यादा पैसे भेजे जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
एटीएम सेंटर पर कैश की किल्लत के तीसरे दिन हालात का जायजा लेने के लिए आज तक की टीम सड़कों पर निकली तो मुलाकात विकास सिंह नाम के एक व्यक्ति से हुई. विकास मूलतः इलाहाबाद के रहने वाले हैं और पटना में एक अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के तौर पर कार्यरत हैं.
विकास को जरूरी काम के लिए अपने घर इलाहाबाद वापस जाना है लेकिन वापस जाने के लिए उनके पॉकेट में पैसे नहीं हैं. उन्हें 2000 रुपये की जरूरत थी. पटना के पास पाटलिपुत्र कॉलोनी इलाके के सभी एटीएम सेंटर पर खाक छानने के बावजूद भी उन्हें किसी एटीएम में पैसे नसीब नहीं हुए.
आज तक की टीम विकास के साथ सबसे पहले बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम सेंटर पर गई, वहां उन्हें पैसे नहीं मिले. उसके बाद विकास उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक एटीएम सेंट्रल बैंक गए लेकिन वहां भी एटीएम मशीन खराब मिली. इसके बाद विकास सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम सेंटर पर गया, लेकिन वहां भी उन्हें पैसे नहीं मिले.
हद तो तब हो गई जब विकास को पता चला कि पास ही के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम सेंटर पर चार मशीने लगी हैं. उम्मीद जगी कि किसी-न-किसी एक मशीन से कुछ पैसे मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चारों एटीएम मशीनों पर नोटिस चिपका हुआ था 'कैश नहीं है.'
न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी इलाके के 4 एटीएम सेंटर की खाक छानने के बावजूद भी विकास को नकद नारायण के दर्शन नहीं हुए.
रोहित कुमार सिंह / सना जैदी