पाकिस्तान को ट्रंप की दो टूक- नहीं बुलाए अपने नागरिक तो US का वीजा होगा बैन

अमेरिका की यह चेतावनी पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है. क्योंकि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है, जिन पर अमेरिका का अवैध नागिरक संबंधी कानून लागू होता है. इस कानून के मुताबिक, अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को जो देश वापस नहीं लेंगे उनके नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा.

Advertisement
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

अवैध नागरिकों के मसले पर सख्ती बरते वाला अमेरिका अब इस दिशा में पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखा सकता है. वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद भी अमेरिका में रह रहे अपने नागरिकों को पाकिस्तान ने लेने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद पाकिस्तान के इस रुख पर अमेरिका ने सख्त लफ्जों में उसे चेतावनी दे डाली है. अमेरिका ने यहां तक कह दिया है कि वह पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा सकता है और इसकी शुरुआत सबसे पहले अधिकारियों से होगी.

Advertisement

अमेरिका की यह चेतावनी पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है. क्योंकि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है, जिन पर अमेरिका का अवैध नागिरक संबंधी कानून लागू होता है. इस कानून के मुताबिक, अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को जो देश वापस नहीं लेंगे उनके नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा. पाकिस्तान ने अमेरिका के इस कानून की अवहेलना करते हुए अपने नागिरकों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद अमेरिका ने यह चेतावनी दी है.

अमेरिका के विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में अभी के लिए 'कोई बदलाव नहीं' है लेकिन अमेरिका पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रोक सकता है जिसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती है.

Advertisement

यह चेतावनी इसलिए सामने आई है क्योंकि पाकिस्तान उन दस देशों की सूची में नया देश है जिन पर अमेरिकी कानून के तहत प्रतिबंध लागू किए गए है जिसके अनुसार जो देश प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को वापस नहीं लेंगे उन देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा.

हालांकि, विदेश विभाग ने पाकिस्तान पर इन प्रतिबंधों के असर को कम करने की कोशिश की है. विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया है कि पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में कोई बदलाव नहीं होगा. विदेश विभाग के मुताबिक, यह अमेरिका और पाकिस्तानी सरकारों के बीच चल रहा द्विपक्षीय मुद्दा है और हम इस समय बारीकियों में नहीं जा रहे हैं.

वहीं, अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी का मानना है कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा होंगी. हक्कानी का कहना है कि इस कदम से पाकिस्तानियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी जो अमेरिका में यात्रा करना चाहते हैं और इससे बचा जा सकता था अगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की कानूनी अनिवार्यताओं के संबंध में अमेरिका के अनुरोधों को नजरअंदाज नहीं किया होता. उन्होंने कहा कि अमेरिका से प्रत्यर्पित किए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नई बात नहीं है.

Advertisement

यानी अगर पाकिस्तान अपने रुख पर कायम रहता है तो ऐसे हालात भी पैदा हो सकते हैं कि उसके नागरिकों को अमेरिका की सीमा में दाखिल होने की इजाजत ही न मिल सके. यहां तक कि पाकिस्तान के अधिकारियों को भी इस मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement