Pakistan hockey team: पाकिस्तान की पुरुष हॉकी टीम बुरे दौर से गुजर रही है. वह लगातार तीसरी बार ओलंपिक के लिए क्लालिफाई नहीं कर पाई. ओमान में एफआईएच ओलंपिक क्वालिफायर के तीसरे स्थान के लिए खेले गए मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा. पाकिस्तान की टीम न्यूजीलैंड से 2-3 से हार कर पेरिस खेलों में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो गई.
टीम ने पिछली बार 2012 में ओलंपिक खेला था
इस ओलंपिक क्वालिफायर से शीर्ष तीन टीमों को ओलंपिक का टिकट मिला. टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जर्मनी से 0-4 से हारने के बाद पाकिस्तान रविवार को तीसरे स्थान के मैच में न्यूजीलैंड से हार गया, जिससे इस साल के पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने की उनकी संभावनाएं समाप्त हो गईं.
पाकिस्तान की टीम को पिछली बार 2012 में ओलंपिक में भाग लेने का मौका मिला था. टीम तब 7वें स्थान पर रही थी. पाकिस्तान ने ओलंपिक में तीन स्वर्ण (1960, 1968, और 1984) सहित 8 पदक जीते हैं.
देश के पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने बताया निराशाजनक
विश्व कप (1994) और चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली पाकिस्तान टीम का हिस्सा रहे ओलंपियन वसीम फिरोज ने कहा, ‘जब टीम को सिर्फ 18 दिनों के अभ्यास के साथ ओलंपिक क्वालिफायर भेजा जाएगा तो उससे आप क्या उम्मीद करते हैं. इस प्रतियोगिता में अन्य सभी टीमें महीनों की तैयारी और प्रशिक्षण के साथ पहुंची थी.’
पाकिस्तान में हॉकी का प्रबंधन पिछले कुछ समय से विवादों में रहा है. देश में हॉकी का संचालन करने वाली संस्था के पास खिलाड़ियों और कोच को भत्ता और वेतन देने के लिए पैसा नहीं है. वित्तीय संकट के कारण पाकिस्तान हॉकी महासंघ (PHF) को कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों से हटना पड़ा. हॉकी के मैदान पर पाकिस्तान के चिर-प्रतिद्वंद्वी भारत ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक के साथ पिछले साल पेरिस ओलंपिक का टिकट पक्का कर लिया.
'... अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेलना बंद कर देना चाहिए'
राष्ट्रीय चयनकर्ता फिरोज ने कहा कि देश को आंतरिक मुद्दों को सुलझाने तक अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेलना बंद कर देना चाहिए.उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को देने के लिए पैसे नहीं है और राष्ट्रीय महासंघ में जमीनी स्तर की प्रतियोगिताओं को लेकर भी राजनीति चरम पर होती है. इस तरह बेइज्जत होने से अच्छा है कि अपनी आंतरिक चीजें सही करें और फिर अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेलें.’
पूर्व कप्तान समीउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान हॉकी के गिरते स्तर को देखकर उन्हें निराशा हुई है.उन्होंने कहा, ‘मेरा मतलब है, अगर हम एक मैच भी नहीं जीत सके जो हमारे लिए फाइनल जैसा था तो क्या होने वाला है? न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच के आखिरी क्वार्टर में खिलाड़ियों के पास जीत सुनिश्चित करने के लिए फिटनेस और जज्बे की कमी दिखी.’
देश के एक अन्य पूर्व कप्तान हसन सरदार ने भी इसे निराशाजनक दिन करार देते हुए कहा, ‘मेरा मतलब है कि मुझे नहीं पता कि सरकार क्या कर रही है क्योंकि ओलंपिक क्वालिफायर से कुछ हफ्ते पहले महासंघ के अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया जाता है और वह फैसले को मानने से इनकार कर देता है. कोच बदले जाते हैं, पुराने खिलाड़ियों को वापस लाया जाता है.’
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