पेरिस डायमंड लीग में भारतीय एथलीट मुरली श्रीशंकर ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है. श्रीशंकर ने पेरिस डायमंड लीग की लंबी कूद (Long Jump) स्पर्धा में तीसरा स्थान हासिल किया. श्रीशंकर किसी डायमंड लीग मीट के टॉप-3 में फिनिश वाले तीसरे भारतीय हैं. इससे पहले टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा ही ये मुकाम हासिल कर पाए थे.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के रजत पदक विजेता मुरली श्रीशंकर ने अपने तीसरे प्रयास में 8.09 सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई. वह तीसरे राउंड के बाद टॉप पर भी पहुंच गए थे, लेकिन बाद में वह तीसरे स्थान पर स्लिप कर गए. लंबी कूद स्पर्धा के दौरान विपरीत दिशा से काफी तेज हवा चल रही थी, इससे भी श्रीशंकर का प्रदर्शन प्रभावित हुआ.
लंबी कूद इवेंट में पहला स्थान ओलंपिक चैंपियन मिल्टियाडिस टेंटोग्लू (8.13 मीटर) ने हासिल किया. वहीं विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता साइमन एहमर (8.11 मीटर) दूसरे स्थान पर रहे. टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता मेकेल मासो 7.83 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ छठे स्थान पर रहे.
पेरिस डायमंड लीग में श्रीशंकर का प्रदर्शन
पहला प्रयास - 7.79 मी
दूसरा प्रयास - 7.94 मी
तीसरा प्रयास- 8.09 मी
चौथा प्रयास- फाउल
पांचवां प्रयास- 7.99 मी
छठा प्रयास- फाउल
श्रीशंकर दूसरी बार किसी डायमंड लीग मीट में भाग ले रहे थे. इससे पहले उन्होंने पिछले साल मोनाको में छठा स्थान हासिल किया था. श्रीशंकर ने इस शानदार प्रदर्शन के चलते सितंबर में अमेरिका के यूजीन में होने वाले डायमंड लीग फाइनल्स के लिए छह क्वालिफिकेशन अंक हासिल किए. साथ ही अगस्त में हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालिफाई करने के लिए भी उन्होंने अहम अंक हासिल किए.
नीरज चोपड़ा इंजरी के चलते नहीं ले पाए भाग
24 साल के श्रीशंकर के करियर की बेस्ट जम्प 8.36 मीटर है, जिसे वह पार नहीं कर पाए. अब श्रीशंकर भुवनेश्वर में होने वाली इंटर-स्टेट मीट के लिए भारत लौटेंगे. पेरिस डायमंड लीग में श्रीशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले इकलौते प्लेयर थे. जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इंजरी के चलते इस इवेंट से अपना नाम वापस ले लिया था.
केरल के रहने वाले मुरली श्रीशंकर ने पिछले साथ बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान लॉन्ग जम्प इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था. इसके साथ ही श्रीशंकर कॉमनवेल्थ के लॉन्ग जम्प में मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष एथलीट बन गए थे. इससे पहले भारत को कॉमनवेल्थ के लॉन्ग जम्प में सबसे पहला मेडल 1978 में मिला था. तब सुरेश बाबू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
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