Sushila Devi Commonwealth Games 2022: इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय एथलीट्स का शानदार प्रदर्शन जारी है. सोमवार को 27 साल की जूडो प्लेयर सुशीला देवी ने सिल्वर मेडल जीता. इस तरह भारत ने कॉमनवेल्थ के 4 दिन में 9 मेडल अपने नाम किए.
मणिपुर पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर भी तैनात सुशीला देवी का कॉमनवेल्थ गेम्स में यह दूसरा मेडल है, 2014 के कॉमनवेल्थ में भी सुशीला ने सिल्वर मेडल ही जीता था. इस बार वह गोल्ड मेडल लेने आई थीं, लेकिन फाइनल में चोट के कारण उन्हें सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा. इसका खुलासा उन्होंने खुद किया है.
'मैंने चोट को दिमाग में नहीं रखा था'
सुशीला देवी ने आजतक से कहा, 'मैं यहां गोल्ड मेडल लेने का मन बनाकर आई थी. 2014 में मैंने सिल्वर जीता था. तब से अब तक मुझे काफी अनुभव भी मिला है. मैं इसका फायदा लेना चाहती थी. मैं चोटिल थी, लेकिन मैंने चोट को दिमाग में रखा ही नहीं था. मैं सिर्फ गोल्ड जीतना चाहती थी. फाइनल में दोनों ही प्लेयर जीतना चाहते हैं. मुझमे कुछ कमी रही होगी, इस वजह से चूक गई.'
सुशीला देवी ने कहा, 'मैंने अपने जीवन में काफी चैलेंज लिए हैं. मैं अपनी कमियों को पूरा करना चाहती थी और मेरा परिवार काफी कमजोर रहा है. उसे भी ठीक करना चाहती थी. जूडो में खासकर बाहर से मेडल लाना मुश्किल रहता है. इस वजह से मैं इस खेल में मेडल लाना चाहती थी.' बता दें कि सुशीला चोट के कारण फाइनल में पट्टी बांधकर उतरी थीं.
बेहद रोमांच रहा था सुशीला का मुकाबला
सुशीला देवी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में महिलाओं के 48 किलो इवेंट में यह सिल्वर मेडल अपने नाम किया. सुशीला को फाइनल में बेहद करीबी मुकाबले में साउथ अफ्रीका की मिशेला वाइटबूइ ने 4.25 मिनट में हराया. चार मिनट के नियमित समय में दोनों जूडो खिलाड़ी कोई अंक नहीं बना पाए थे. वाइटबूट ने इसके बाद गोल्डन अंक जुटा कर मुकाबला जीत लिया.
सुशीला ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2014 में भी रजत पदक जीता था. सुशीला ने इससे पहले सेमीफाइनल में मॉरीशस की प्रिसिला मोरांड को इप्पोन को शिकस्त देकर अपना पदक पक्का किया था. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में मालावी की हैरियट बोनफेस को हराया था.
नितिन कुमार श्रीवास्तव