Anju Bobby George: एक किडनी के सहारे चैम्पियन बनीं ये एथलीट, भारत को दिलाया था पहला मेडल

वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत को पहला मेडल अंजू बॉबी जॉर्ज ने दिलाया था. अंजू को अपने खेल के दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. अंजू एक किडनी के सहारे वर्ल्ड में टॉप पर पहुंची थीं. इसका खुलासा उन्होंने खुद किया था.

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अंजू बॉबी जॉर्ज (@Twitter) अंजू बॉबी जॉर्ज (@Twitter)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने बुडापेस्ट में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में ऐतिहास प्रदर्शन किया. इस चैम्पियनशिप के आखिरी दिन (27 अगस्त) नीरज ने मेन्स जैवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीता. नीरज का बेस्ट प्रयास 88.17 मीटर रहा, जो उन्हें गोल्ड दिलाने के लिए काफी था. पाकिस्तान के अरशद नदीम दूसरे और जैकब वाडलेच (चेक रिपब्लिक) तीसरे नंबर पर रहे.

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अंजू बी. जॉर्ज ने भारत को दिलाया था पहला मेडल

नीरज चोपड़ा वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए. नीरज ने पिछले साथ अमेरिका के यूजीन में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. नीरज के अलावा लंबी कूद एथलीट (long jumper) अंजू बॉबी जॉर्ज ही भारत के लिए वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मेडल हासिल कर सकीं.

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अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 के पेरिस वर्ल्ड चैम्पियनशिप के दौरान महिलाओं की लॉन्ग जम्प इवेंट में कांस्य पदक जीता था. अंजू ने 6.70 मीटर की बेस्ट छलांग लगाई थी. इसके साथ ही अंजू बॉबी जॉर्ज भारत के लिए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई थीं. फिर 19 साल बाद नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए पदक का सूखा खत्म किया.

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काफी मुश्किलों भरा रहा अंजू का सफर

अंजू बॉबी जॉर्ज को अपने खेल के दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. अंजू एक किडनी के सहारे वर्ल्ड में टॉप पर पहुंची थी और उन्हें पेन किलर दवाओं से भी एलर्जी थी. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अंजू ने कुछ साल पहले सोशल मीडिया पोस्ट करके इसकी जानकारी दी थी.

अंजू ने ट्वीट किया था, 'मानो या न मानो, मैं उन भाग्यशाली लोगों में शामिल हूं, जो एक गुर्दे के सहारे विश्व में शीर्ष स्तर पर पहुंची. यहां तक कि मुझे दर्द निवारक दवाइयों से एलर्जी थी, दौड़ की शुरुआत करते समय मेरा आगे वाला पांव सही काम नहीं करता था. कई सीमाएं थीं... तब भी मैंने सफलताएं हासिल कीं. क्या हम इसे कोच का जादू या उनकी प्रतिभा कह सकते हैं.'

केरल के कोट्टायम में पैदा हुईं अंजू बॉबी जॉर्ज साल 1996 में दिल्ली में आयोजित जूनियर एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीतकर पहली बार सुर्खियों में आई थीं. फिर साल 1999 में अंजू ने नेपाल में हुए साउथ एशियन फेडरेशन गेम्स में सिल्वर मेडल का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने 2003 के एफ्रो-एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता. अंजू ने आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स फाइनल्स (मोनाको 2005) में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था. वहीं 2004 के एथेंस ओलंपिक में अंजू छठे स्थान पर रही थीं. उन्होंने तब 6.83 मीटर कूद लगाई थी.

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अमेरिका की मरियन जोन्स को डोपिंग आरोपों के कारण अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अंजू को 2007 में 5वां स्थान दिया गया था. अपने शानदार करियर के दौरान लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज देश की युवा खिलाड़ियों के लिए सबसे प्रेरणादायी ट्रैक एवं फील्ड स्टार हैं. अंजू की शादी रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज से हुई है, जो ट्रिपल जंप में राष्ट्रीय चैम्पियन रह चुके हैं.

 

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