Anshuman Gaekwad Death: सुनील गावस्कर के 'राइट हैंड' थे अंशुमान गायकवाड़, पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी ऐतिहासिक पारी

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और कोच रह चुके अंशुमान गायकवाड़ का बुधवार (31 जुलाई) को निधन हो गया. गायकवाड़ को सुनील गावस्कर का 'राइट हैंड' भी कहा जाता था. गायकवाड़ ने जो 40 टेस्ट मैच खेले, उसमें से ज्यादातर में वह गावस्कर के ओपनिंग पार्टनर रहे.

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Anshuman Gaekwad (Getty Images) Anshuman Gaekwad (Getty Images)

aajtak.in

  • वडोदरा,
  • 01 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और कोच रह चुके अंशुमान गायकवाड़ का 31 जुलाई (बुधवार) को वडोदरा में निधन हो गया. 71 साल के गायकवाड़ लंबे समय से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे. अपनी डिफेंसिव तकनीक के चलते अंशुमान 'द ग्रेट वॉल' के नाम से भी मशहूर थे. यह तकनीक उस दौर में बहुत जरूरी भी था क्योंकि वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज विश्व पटल पर हावी थे.

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भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर शोक व्यक्त किया है. बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने कहा, 'अंशुमान गायकवाड़ का निधन भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत बड़ी क्षति है. खेल के प्रति उनका समर्पण और प्यार बेमिसाल था. वह सिर्फ एक क्रिकेटर ही नहीं थे, बल्कि कई लोगों के लिए एक मार्गदर्शक और दोस्त भी थे. क्रिकेट समुदाय उन्हें बहुत याद करेगा और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार एवं प्रियजनों के साथ हैं, जो इस क्षति से उबर रहे हैं.'

उधर बीसीसीआई के सचिव श्री जय शाह ने कहा, 'अंशुमान गायकवाड़ का निधन क्रिकेट जगह के लिए एक बड़ी क्षति है. भारतीय क्रिकेट के एक सच्चे सेवक, उन्हें खेल के प्रति उनके साहस, बुद्धिमत्ता और समर्पण के लिए याद किया जाएगा. खेल में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है और वे अपने पीछे एक स्थायी विरासत छोड़ गए हैं. इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं.'

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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर दुख प्रकट किया. सचिन ने लिखा, 'अंशु भाई के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं. मुझे 1980 के दशक में उनके खिलाफ खेलने का सौभाग्य मिला और साथ ही 1990 के दशक के अंत में उनके द्वारा प्रशिक्षित होने का भी. इन सालों में वह भारतीय क्रिकेट की कुछ शानदार यादों का हिस्सा थे. एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और कोच, क्रिकेट में उनका योगदान बहुत बड़ा है जिसे हमेशा याद रखा जाएगा. उनका धैर्य और सरल स्वभाव सबसे अलग था. हम वर्षों तक संपर्क में रहे और आखिरी बार हमने कुछ महीने पहले ही बात की थी. इस कठिन समय में उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. उनकी आत्मा को शांति मिले.'

अंशुमान गायकवाड़ की हालत को देख कप‍िल देव ने मदद का बीड़ा उठाया था. कप‍िल ने अंशुमान की मदद के ल‍िए अपनी पेंशन डोनेट करने का फैसला किया था.मोह‍िंदर अमरनाथ, संदीप पाट‍िल, मदन लाल और कीर्ति आजाद भी अपने साथी खिलाड़ी की मदद के लिए आगे आए थे. बीसीसीआई ने भी मदद करते हुए अंशुमान के इलाज के लिए 1 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था.

....जब पाकिस्तान के उड़ाए होश!

अंशुमान गायकवाड़ को महान भारतीय बल्लेबज सुनील गावस्कर का 'राइट हैंड' भी कहा जाता था. गायकवाड़ ने जो 40 टेस्ट मैच खेले, उसमें से ज्यादातर में वह गावस्कर के ओपनिंग पार्टनर रहे. अंशुमान गायकवाड़ ने सितंबर 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ जालंधर टेस्ट मैच में 201 रन बनाने के लिए 671 मिनट बल्लेबाजी की थी. ‌यह उस वक्त प्रथम श्रेणी क्रिकेट का सबसे धीमा दोहरा शतक था. अंशुमान गायकवाड़ के उस दोहरे शतक की बदौलत भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ उस टेस्ट मैच को आसानी से मैच ड्रॉ करवा लिया था.

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अंशुमन गायकवाड़ का रिकॉर्ड अप्रैल 1987 में श्रीलंका के ब्रैंडन कुरुप्पु ने तोड़ा था. कुरुप्पु ने 777 मिनट बल्लेबाजी करके न्यूजीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक लगाया था. फिलहाल फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे धीमा दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड हिमाचल प्रदेश के राजीव नैय्यर के नाम है. राजीव ने नवंबर 1999 में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मुकाबले में 810 मिनट बैटिंग करके दोहरा शतक जड़ा था.

साल 1976 में भारतीय टीम के वेस्टइंडीज दौरे पर अंशुमान गायकवाड़ ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उस दौरे‌‌ पर भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए तीसरे टेस्ट में 403 रनों के लक्ष्य के लक्ष्य का सफल पीछा करते हुए इतिहास रच दिया था. तीसरे टेस्ट में मिली इस हार का बदला लेने के लिए वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने किंग्सटन में हुए चौथे टेस्ट में बॉडीलाइन रणनीति का सहारा लिया. उस मुकाबले में भारत की पहली पारी में अंशुमान गायकवाड़ को माइकल होल्डिंग की एक गेंद कान पर जा लगी थी और उन्हें अस्पताल जाना पड़ा था. हालांकि, इससे पहले गायकवाड़ 81 रनों की साहसिक पारी खेल चुके थे.

ऐसा रहा अंशुमान का क्रिकेटिंग करियर

अंशुमान गायकवाड़ ने 27 दिसंबर 1974 को कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. टेस्ट मैच में उनकी आखिरी उपस्थिति साल 1984 के आखिरी दिन इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हुए कोलकाता टेस्ट में रही. गायकवाड़ ने 40 टेस्ट मैचों में 30.07 की औसत से 1985 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 10 अर्धशतक शामिल रहे. उनका बेस्ट स्कोर 201 रन रहा, जो उन्होंने पाकिस्तान के विरुद्ध बनाया था. गायकवाड़ ने भारत के लिए 15 वनडे मैचों में भी शिरकत की. वनडे मैचों में उनके नाम 20.69 की औसत से 269 रन दर्ज हैं.

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अंशुमान गायकवाड़ ने 206 फर्स्ट क्लास मैचों में 41.56 की औसत से 12,136 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से 34 शतक और 47 अर्धशतक निकले हैं. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 225 रन रहा. इसके अलावा गायकवाड़ ने 55 लिस्ट-ए मुकाबले भी खेले, जिसमें उन्होने 32.67 के एवरेज से कुल 1601 रन बनाए.

अंशुमान गायकवाड़ ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कोचिंग को अपना करियर बनाया. वह 1997-99 के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रहे. गायकवाड़ ने गुजरात राज्य उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (GSFC) के लिए भी काम किया और 2000 में इस कंपनी से सेवानिवृत्ति ले ली. जून 2018 में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने गायकवाड़ को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया. अंशुमान गायकवाड़ के पिता दत्ता गायकवाड़ ने भी टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया.

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