पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने क्रिकेट के मैदान पर दो महान खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न के बीच के मुकाबले को 'सर्वश्रेष्ठ मुकाबले' के रूप में याद किया है. लक्ष्मण ने 1998 में चेन्नई के एम.ए चिदंबरम स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच को याद किया है. उस मैच में भारत पहली पारी में केवल 257 रन पर ही ऑलआउट हो गया और सचिन ने पहली पारी में केवल चार रन का ही योगदान दिया था.
लक्ष्मण ने क्रिकेट कनेक्टेड कार्यक्रम में कहा, 'चेन्नई टेस्ट मैच के लिए सचिन ने बहुत अच्छी तैयारी की थी. पहली पारी में वह केवल चार रन बनाकर ही आउट हो गए थे. उन्होंने एक चौका लगाया था और फिर अगली गेंद पर मार्क टेलर के हाथों लपके गए थे.'
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लक्ष्मण ने कहा, 'मुझे याद है जब सचिन ने खुद को फिजियो के रूम में बंद कर लिया था और करीब एक घंटे बाद वह बाहर आए थे. जब वह बाहर आए थे तो उनकी आंखें लाल थी. मुझे ऐसा महसूस हुआ कि वह बहुत भावुक हैं क्योंकि जिस तरह से वह आउट हुए, उससे वह काफी नाखुश थे.'
भारत की पहली पारी के जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 328 रन बनाकर 71 रन की बढ़त ले ली थी, लेकिन भारत ने दूसरी पारी में वापसी की और चार विकेट पर 418 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. सचिन ने दूसरी पारी में नाबाद 155 रनों की शतकीय पारी खेली थी.
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लक्ष्मण ने कहा, 'फिर, दूसरी पारी में, सचिन ने जिस तरह से धमाकेदार पारी खेली और शेन वॉर्न का सामना किया, जो लेग स्टंप के बाहर गेंदबाजी कर रहे थे. वॉर्न क्रीज की गहराई का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन सचिन मिड ऑफ और मिड-ऑन पर गेंद को हिट करते थे और उन्होंने फिर शतक लगाया. वॉर्न के साथ उनका मुकाबला सर्वश्रेष्ठ रहा है.' भारत ने बाद में ऑस्ट्रेलिया को 168 रन पर ऑलआउट कर दिया था और 179 रन से मैच जीत लिया था. सचिन को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया था.
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