South africa T20 World Cup 2024: साउथ अफ्रीका टीम में T20 वर्ल्ड कप से पहले बखेड़ा, नस्लीय कोटा बना विवाद की जड़, जानें क्यों मची खलबली

South africa Black cricketers rule: साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम में वर्ल्ड कप से पहले बवाल हो रहा है, इसकी वजह है यहां मौजूद नस्लीय कोटा, इस पूरे विवाद में अब साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर एबी डिविलियर्स भी कूद पड़े हैं. आइए आपको बताते हैं आख‍िर पूरा मामला क्या है?

Advertisement
AB de Villiers On Talk Of Racial Quota In SA T20 World Cup (Getty/ File) AB de Villiers On Talk Of Racial Quota In SA T20 World Cup (Getty/ File)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 29 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

South africa Black cricketer Resevation Rule, T20 World Cup 2024: टी20 वर्ल्ड कप 2024 के आगाज से पहले साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम में नस्लीय कोटा विवाद की वजह बनता जा रहा है. इस पर कई सवाल भी उठ रहे हैं. इस पूरे मामले में साउथ अफ्रीका के स्टार बल्लेबाज एबी ड‍िव‍िल‍ियर्स की राय भी सामने आई है. 
 
एबी डिविलियर्स इस बात से हैरान नहीं हैं कि दक्षिण अफ्रीका के पहली बार वर्ल्ड कप जीतने के अभियान को शुरू करने से कुछ दिन पहले देश में सिर्फ टीम में नस्लीय कोटा को लेकर बात चल रही है. 

Advertisement

दरअसल, साउथ अफ्रीका में नाराजगी का कारण एक जून से वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में सिर्फ एक अश्वेत अफ्रीकी खिलाड़ी की मौजूदगी है. यही व‍िवाद की असल जड़ है. 

ड‍िव‍िल‍ियर्स ने कहा- इस तरह की स्थिति पहले भी रही है. 2018 में संन्यास लेने वाले डिविलियर्स को खुशी है कि अब वह इस स्थिति के महज दर्शक हैं. दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक डिविलियर्स ने पीटीआई से कहा,‘इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए टूर्नामेंट में जाना शर्मनाक है. मेरा मतलब है कि यह कोई नई बात नहीं है, यह सिर्फ एक शर्म की बात है.’

डिविलियर्स ने कहा, ‘वर्ल्ड कप से ठीक पहले दक्षिण अफ्रीकी टीम के साथ हमेशा की तरह स्वदेश में कुछ विवादास्पद लम्हे होते हैं.' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक अच्छी टीम है. लुंगी के लिए यह निराशा की बात है... (उसने) कुछ हद तक फॉर्म खो दिया, उसे कुछ चोटें लगीं. अन्यथा वह शायद टीम में होता और स्वदेश में कोई विवाद नहीं होता.’

Advertisement
कग‍िसो रबाडा और लुंगी एनग‍िडी 

खेलमंत्री ने उठाए थे टीम पर सवाल 

इस महीने की शुरुआत में टीम के चयन के बाद पूर्व खेल मंत्री फिकिले मबालुला और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) और आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष रे माली ने टीम के संयोजन पर सवाल उठाए थे.

फिलहाल क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के पास चयनकर्ताओं की कोई समिति नहीं है और टीम का चयन मुख्य कोच शुकरी कॉनराड (टेस्ट) तथा रॉब वॉल्टर (सफेद गेंद के प्रारूप के कोच) ने किया है. 

दक्षिण अफ्रीका को हमेशा से ही ‘चोकर’ माना जाता रहा है जो मुश्किल परिस्थितियों में हार जाता है. टीम टूर्नामेंट से पहले प्रबल दावेदारों में शामिल होती है लेकिन असल में उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती. दक्षिण अफ्रीका 8 जून को न्यूयॉर्क में नीदरलैंड के खिलाफ अपना पहला मैच खेलेगा.

'साउथ अफ्रीका में ब्लैक क्रिकेटर रूल'

2016 में शुरू की गई नीति के अनुसार दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम को में अपनी एकादश में कम से कम औसतन छह अश्वेत (ब्लैक) खिलाड़ियों को शामिल करना होगा, इनमें से कम से कम दो ब्लैक अफ्रीकी होने चाहिए. टी20 वर्ल्ड कप टीम में कगिसो रबाडा एकमात्र अश्वेत अफ्रीकी हैं, वहीं एक अन्य अश्वेत अफ्रीकी लुंगी एनगिडी रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल हैं. अन्य खिलाड़ी जो अश्वेत हैं उनमें रीजा हेंड्रिक्स, ब्योर्न फोर्टुइन, केशव महाराज, तबरेज शम्सी और ओटनील बार्टमैन शामिल हैं. 2016 में आई नीत‍ि से पहले तक साउथ अफ्रीकी टीम में अश्वेत ख‍िलाड़‍ियों को टीम में शाम‍िल करने के ल‍िए अलग से कोई कानून नहीं था. पर 2016 में आई नीत‍ि से अश्वेत ख‍िलाड़‍ियों के लिए दरवाजे साउथ अफ्रीकी टीम में खुल गए. 

Advertisement

1970 में जब साउथ अफ्रीका पर लगा बैन

दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद कानून के कारण, जिसने 1948 में देश में कानूनी नस्लीय अलगाव लागू किया गया था, इस वजह से कोई भी अश्वेत (कानून के तहत काला, रंगीन या भारतीय के रूप में परिभाषित) खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए पात्र नहीं था. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद (1948 से 1994) दक्षिण अफ्रीका की ऑल व्हाइट गर्वनमेंट के तहत नस्लीय अलगाव था, जिसके तहत अश्वेत दक्षिण अफ्रीकियों (आबादी का बहुमत) को श्वेत लोगों से अलग क्षेत्रों में रहना पड़ता था और अलग सार्वजनिक सुविधाओं का उपयोग करना पड़ता था. 

इसी रंगभेद विरोधी आंदोलन के कारण ICC ने 1970 में साउथ अफ्रीकी दौरों पर पर रोक लगा दी थी. इस निर्णय ने ग्रीम पोलक, बैरी रिचर्ड्स और माइक प्रॉक्टर जैसे खिलाड़ियों को उनके करियर के अधिकांश समय के लिए अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट से बाहर कर दिया. वहीं इससे एलन लैम्ब और रॉबिन स्मिथ जैसे भविष्य के सितारों का भी पलायन हुआ, जो दोनों इंग्लैंड के लिए खेले. वहीं केपलर वेसल्स दक्षिण अफ्रीका लौटने से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले. वहीं क्लाइव राइस और विंटसेंट वैन डेर बिजल जैसे अपने समय के शानदार क्रिकेटरों क्रिकेटरों ने भी अपने मजबूत प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड के बावजूद कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला. 

Advertisement

फिर 1991 में दोबारा टेस्ट मैच खेला...

आईसीसी ने 1991 में दक्षिण अफ्रीका को पुनः टेस्ट नेशन के रूप में मान्यता दे दी,  टीम ने 1970 के बाद से अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच (अपना पहला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच) 10 नवंबर 1991 को कोलकाता में भारत के खिलाफ खेला, जिसमें उसे 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. 

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए साउथ अफ्रीका का स्क्वॉड: एडेन मार्करम (कप्तान), क्विंटन डिकॉक, डेविड मिलर, ओटनील बार्टमैन, एनरिक नॉर्किया, कगिसो रबाडा, गेराल्ड कोएत्जी, ब्योर्न फोर्टुइन, रीजा हेंड्रिक्स, मार्को जानसेन, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, रयान रिकेल्टन, तबरेज शम्सी, ट्रिस्टन स्टब्स. 

ट्रैवलिंग रिजर्व: नांद्रे बर्गर, लुंगी एनगिडी

 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement