लोढ़ा सिफारिशें लागू नहीं करने को लेकर गांगुली ने दी ये दलील

सौरव गांगुली ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशें लागू करने में कुछ मुश्किलों के बारे में जानकारी दी.

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सौरव गांगुली (फाइल फोटो) सौरव गांगुली (फाइल फोटो)

तरुण वर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) अध्यक्ष सौरव गांगुली और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मधुकर वोरा ने बीसीसीआई को शुक्रवार को पत्र लिखकर राज्य संघों के संविधान में संशोधन और लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशें लागू करने में कुछ व्यावहारिक मुश्किलों के बारे में जानकारी दी.

बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने हाल में सभी राज्य संघों को ईमेल भेजकर संविधान में बदलाव की जानकारी मांगी थी और सूचित किया कि 13 इकाईयों ने पालन करने का और इस संबंध में हलफनामा पेश करने का फैसला किया है.

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इसके अनुसार गांगुली ने बीसीसीआई को लिखे पत्र में लिखा, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि कुछ महीने पहले ही कैब की विशेष आम बैठक में सदस्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी कि बीसीसीआई के फैसले के संबंध में हलफनामे उच्चतम न्ययायाय को संबोधित करते हुए दायर किए जाएंगे, जिसमें राज्य और बीसीसीआई स्तर पर लागू करने की समस्याओं को बताया जाएगा.'

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पीटीआई के मुताबिक गांगुली ने लिखा, ‘विशेष आम बैठक में सदस्यों ने एक फैसला किया और आपने जो मुद्दे मेल में लिखे हैं, उन पर गौर करने के लिये एक और विशेष आम बैठक करनी होगी.'

गांगुली ने कहा, ‘हमें पिछले हफ्ते आपकी मेल मिली और तब सदस्यों को इस नए मुद्दे के बारे में अपडेट करने के लिए एक अन्य विशेष आम बैठक बुलाने और इस पर फैसला लेने का समय नहीं था.'

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गांगुली ने पत्र का अंत यह कहते हुए किया कि अभी समय की कमी को देखते हुए, ‘हम आपके मेल में जिक्र की गई धाराओं पर समय सीमा के अंदर कोई फैसला नहीं दे पाएंगे, क्योंकि यह संघ के संविधान के खिलाफ है.'

वोरा ने लिखा, ‘इस समय उच्चतम न्यायालय इस प्रस्तावित दस्तावेज पर आगे बढ़ाने के लिए पक्षों की तरफ से पेश हो रहे वकीलों की बात सुनने के लिए तैयार है.'

उन्होंने कहा, ‘इसलिए इस समय संशोधनों से सिफारिशों तक का फैसला उच्चतम न्यायालय पर निर्भर करता है और उच्चतम न्यायालय के समक्ष इस पर जिरह होगी.’

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