IND vs ENG: पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलने पर नाराज ये भारतीय दिग्गज, ECB को लगाई फटकार

मंसूर अली खान पटौदी के करीबी मित्र फारुख इंजीनियर ने कहा कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी का नाम बदलकर गलत किया.

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Former Indian cricketer Farokh Engineer. (File, Getty) Former Indian cricketer Farokh Engineer. (File, Getty)

aajtak.in

  • बर्मिंघम,
  • 30 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST

पूर्व क्रिकेटर फारुख इंजीनियर अपने बयान को लेकर अचानक सुर्खियों में आ गए हैं. दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी के करीबी दोस्त फारुख इंजीनियर ने कहा है कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी का नाम बदलकर गलत किया. इंजीनियर ने 1961 से 1975 के बीच भारत के लिए 46 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले.

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ईसीबी ने 2007 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत की थी, लेकिन 5 मैचों की मौजूदा सीरीज शुरू होने से पहले इसका नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी कर दिया गया. इस फैसले की सुनील गावस्कर ने आलोचना की थी.

87 साल के फारुख इंजीनियर भी इस फैसले से निराश हैं, लेकिन इसके साथ उन्हें यह भी लगता है कि सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन की उपलब्धियां निर्विवाद हैं. तेंदुलकर ने ईसीबी से संपर्क किया, जिसके बाद घरेलू बोर्ड ने सीरीज जीतने वाली टीम के कप्तान को पटौदी पदक (Pataudi medal) देने का फैसला किया.

मैनचेस्टर में रहने वाले इंजीनियर ने PTI से कहा, ‘टाइगर पटौदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे, मेरे शानदार साथी भी. हमने काफी टेस्ट मैच साथ में खेले.उनका खानदान बहुत प्रतिष्ठित रहा है. मुझे सबसे ज्यादा खुशी तब हुई, जब 2007 में ट्रॉफी का नाम उनके नाम पर रखा गया.’

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उन्होंने कहा, 'एक ओर मैं बेहद निराश था कि पटौदी का नाम हटा दिया गया, मैं चाहता था कि टाइगर का नाम हमेशा बना रहे, लेकिन इसकी बजाय उन्होंने एंडरसन और सचिन का नाम चुना, जो कि खेल के दिग्गज हैं.'

इंजीनियर ने कहा, 'पटौदी मेडल का शुरू किया जाना साफ तौर पर बाद का विचार था, अगर इसे शुरुआत में घोषित किया जाता, तो इसकी विश्वसनीयता ज्यादा होती. लेकिन कम से कम कुछ किया तो सही. समझदारी अंततः हावी रही और मैं आशा करता हूं कि पटौदी नाम हमेशा बना रहे.' 

पटौदी परिवार का भारत-इंग्लैंड क्रिकेट से गहरा नाता रहा है. इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर दोनों ने भारत की कप्तानी की और दोनों ने इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट भी खेला था.

वहीं, दूसरी ओर, तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं और एंडरसन तेज गेंदबाज के रूप में टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं.

इंजीनियर ने कहा, ‘तेंदुलकर और एंडरसन की उपलब्धियों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. यह विषय दो पहलुओं वाला है. उन्होंने पदक का नाम पटौदी के नाम पर रखा है जो बहुत सोच-समझकर किया गया फैसला है.’

उन्होंने कहा, ‘यह फैसला पटौदी के मुझ जैसे कई समर्थकों को खुश करने के लिए किया गया, लेकिन आप उन्हें ट्रॉफी का नाम सचिन और एंडरसन के नाम पर रखने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकते. मुझे उम्मीद है कि वे शर्मिला टैगोर (मंसूर की पत्नी) और उनके बेटे सैफ अली खान को पदक प्रदान करने के लिए आमंत्रित करेंगे.’

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