टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले आज (17 अक्टूबर) 55 साल के हो गए हैं. कुंबले के नाम भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा रिकॉर्ड है जो रविचंद्रन अश्विन के हुए संन्यास के बाद फिलहाल निकट भविष्य में टूटना मुश्किल है. वहीं उन्होंने क्रिकेट के मैदान में जो कुछ किया, उसके उदाहरण आज भी दिए जाते हैं. कुंबले भारतीय क्रिकेट के वाकई बड़े लीजेंड रहे, क्योंकि उन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियो में हार नहीं मानी थी.
जंबो के नाम से मशहूर कुंबले का टेस्ट डेब्यू 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में हुआ, वहीं उन्होंने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था. कुंबले ने 2007 में अपना आखिरी वनडे मैच खेला था. वो भारतीय टीम के कोच भी रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने कई IPL टीमों के साथ भी अहम जिम्मेदारी निभाई.
वहीं उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी भी की है. उन्होंने साल 2002 में भारतीय टीम की एक वनडे मैच में कप्तानी की थी और इसमें बतौर कप्तान जीत दर्ज की थी. वहीं कुंबले ने साल 2007 से 2008 के बीच 14 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की थी.
इन 14 मुकाबलों में उन्हें 3 मैचों में जीत तो वहीं 5 मैचों में हार मिली, 6 मुकाबले ड्रॉ रहे थे. 2007-08 में पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए उन्हें टेस्ट कप्तान बनाया गया था, जहां उन्होंने यह सीरीज जीती, जो 27 साल में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की पहली घरेलू जीत थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के विवादास्पद दौरे के दौरान उन्होंने टीम को एकजुट रखने में बड़ी भूमिका निभाई. उस सीरीज में वे चार टेस्ट मैचों में 20 विकेट लेकर भारत के सबसे सफल गेंदबाज भी रहे.
कुंबले के नाम वो ऐतिहासिक रिकॉर्ड है, जो आज भी याद किया जाता है. वह जिम लेकर के बाद टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने थे. उन्होंने यह उपलब्धि 1999 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम (अब अरुण जेटली स्टेडियम) में हासिल की थी. में खेले पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी के सभी 10 विकेट लिए. बाद में न्यूजीलैंड के एजाज पटेल ने भी भारत के खिलाफ मुंबई में 2021 में हुए टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी.
पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में परफेक्ट 10 लेने के 3 साल बाद कुंबले ने साल 2002 में कुछ ऐसा किया जो आज भी भारतीय क्रिकेट में नजीर है. तब कुंबले ने 2002 के एंटीगा टेस्ट में टूटे हुए जबड़े के साथ वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ गेंदबाजी का फैसला किया था. एक इंटरव्यू में कुंबले ने बताया जब उन्होंने इस बारे में अपनी पत्नी चेतना ने देखा था तो उन्हें लगा कि वह मजाक कर रहे हैं. इसके बावजूद कुंबले ने साहसिक फैसला किया. कुंबले ने तब टूटे जबड़े के साथ लगातार 14 ओवर डाले और लारा को आउट किया. कुंबले को उस मुकाबले में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए मर्विन डिल्लों की गेंद लगी थी, लेकिन खून बहने के बावजूद उन्होंने 20 मिनट और बल्लेबाजी की.
तो कुंबले का यह रिकॉर्ड नहीं टूटेगा!
रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बीच में पिछले साल 18 दिसंबर 2024 को इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया था. जब तक वो खेले तब तक लगता था कि वो कुंबले के दो रिकॉर्ड तोड़ सकते थे. पहला था भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट का और दूसरा था टीम इंडिया की ओर से ओवरऑल टेस्ट विकेट का.
कुंबले ने भारत की ओर से कुल 953 इंटरनेशनल विकेट हासिल किए थे, यह कीर्तिमान आज भी कायम है. वहीं अश्विन ने 287 इंटरनेशनल मैचों में भारत की ओर से 765 विकेट हासिल किए थे. 132 टेस्ट मैचों में कुंबले के नाम 619 विकेट थे, जबकि अश्विन ने 106 मुकाबलों में 537 विकेट लिए थे.
भारत की ओर से अभी एक्टिव गेंदबाजों में सबसे करीब 36 साल के रवींद्र जडेजा हैं, जो 87 टेस्ट में 338 विकेट ले चुके हैं. वहीं जडेजा ने 365 इंटरनेशल मैचों में 623 विकेट लिए हैं. ऐसे में साफ है कि अनिल कुंबले का रिकॉर्ड फिलहाल तो निकल भविष्य में टूटना मुश्किल है.
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