देश में वर्तमान समय में वंदे मातरम विषय पर व्यापक चर्चा हो रही है और संसद में भी इस पर महत्वपूर्ण विमर्श हुआ है. वंदे मातरम को लेकर धार्मिक नजरिये से इसे जोड़ना सही नहीं है और इसे किसी हिस्से से हटाना उचित नहीं माना जाता. भारत को सिर्फ मिट्टी का टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी माँ मानते हुए इसे सम्मान देना हमारा राष्ट्रधर्म है. विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ हिंदुस्तान के बनने में योगदानकर्ता हैं.