यूपी की राजधानी लखनऊ के डालीबाग में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी मूल के लोगों के खिलाफ पुलिस ने व्यापक अभियान चलाया. जिन झोपड़ियों में रहने वाले खुद को अनपढ़ मजदूर बताते हैं, वहीं 'आजतक' की पड़ताल में उन झुग्गियों के अंदर उर्दू की कई किताबें, पंखे, बल्ब और वीआईपी कैंप जैसी सुविधाएं मिलीं. पुलिस टीम ने अचानक छापेमारी कर झुग्गियों में मौजूद लोगों के आधार कार्ड और एनआरसी दस्तावेजों की जांच की. हैरानी की बात यह है कि लगभग सभी संदिग्धों के आधार कार्ड असम के बरपेटा जिले के ही निकले. पुलिस ने बताया कि दस्तावेजों की जांच के लिए असम पुलिस से संपर्क किया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये पहचान पत्र असली हैं या फर्जी तरीके से तैयार कराए गए हैं.