साठ के दशक में पश्चिम बंगाल के एक गांव नक्सलबाड़ी में जमींदारों के खिलाफ हथियारबंद आंदोलन हुआ था. ये लोग चीन के क्रांतिकारी नेता माओ की विचारधारा को मानने वाले लोगों का समूह था.