यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने गरीबी में पला बढ़ा और बचपन से ही जिस कला क्षेत्र में रुचि थी, उसी में अपना सफर शुरू किया. उन्होंने अपने वरिष्ठों के अनुभवों से सीखकर उसी मार्ग पर चलना चुना.