'15 साल का था, जब पहला कस्टमर पकड़ा. इसके बाद तो एक्सपर्ट बन गया. हम सड़क पर चलते हुए सूंघ लेते, किसे किस तरह की औरत चाहिए. जैसे दुकान पर मिठाइयां मिलती हैं, वैसे ही सबकी पसंद भी अलग होती.' ये कहना है जीबी रोड पर काम करने वाले एक शख्स का. जो अब एक एनजीओ के साथ काम करता है.