जूलियस रॉबर्ट ओपनहाइमर एक theoretical physicist और अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्स्टी में भौतिक विज्ञान के प्रौफेसर थे। इन्होंने बचपन में ही अपनी scientific intellect का जायजा देते हुए 10 वर्ष की उम्र में ही खनिज, भौतिकी और रसायन शास्त्र को पढ़ना शुरू कर दिया था। 2nd वर्लड वार के दौरान जब अमेरिका को यह भनक लगी की जर्मनी परमाणु हथियार बना कर रहा है तो राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने अपने परमाणु हथियार बनाने के लिए मैनहट्टन प्रोजेक्ट नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट के अध्यक्ष ओपनहाइमर थे। ओपेनहाइमर का मानना था कि महाभारत काल में भी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया गया था और ब्रह्मास्त्र असलियत में ऐटम बम ही था।
आज राजनीतिक स्थिरता के लिए और एक शक्तिशाली देश बनने के लिए परमाणु शक्ति का होना बहुत जरूरी हो गया है। पर आप सोचियेगा कि 1945 में सफल न्यूकलीयर टेस्ट करने वाले अमेरिका को भारत के न्यूकलीयर टेस्ट करने से ऐतराज़ क्यों था ? अमेरिका के ओपेनहाइमर की तरह भारत में परमाणु योजना का जनक ‘होमी जहांगीर भाभा’ को माना जाता है। यह होमी भाभा की ही सफल कोशिशें हैं जिस वजह से आज भारत को भी विश्व स्तर पर परमाणु शक्ति के रूप में स्वीकारा गया।
मशहूर हॉलीवुड निर्देशक क्रिसटोफ़र नोलन को तो आप जानते ही होंगे। उनकी इन्सेप्शन, इंटरस्टेलर और डार्क नाइट जैसी सफल फिल्मों को दुनिया भर में पसंद किया गया। अब वो ओपेनहाइमर के जीवन पर अधारित बड़े स्तर पर एक फिल्म बना रहे हैं जो की अगले साल रिलीज़ होगी, उम्मीद है की उनकी पिछली फिल्मों की तरह इस फ़िल्म को भी दुनिया भर में पसंद किया जाएगा।
जमशेद क़मर सिद्दीक़ी