Goddess Laxmi: घटती आमदनी-बढ़ते खर्चों के बीच ऐसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न, दूर हो जाएगी आर्थिक तंगी

घटती आमदनी, बढ़ते खर्चे, कारोबार में घाटा, परिवार में आर्थिक तंगी और पाई-पाई को मोहतज लोग जब मां लक्ष्मी को सच्चे मन से पुकारते हैं तो देवी प्रसन्न होकर धन का अंबार लगा देती हैं

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मां लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख संपत्ति और धन वैभव पाने की अभिलाषा पूरी हो सकती है. मां लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख संपत्ति और धन वैभव पाने की अभिलाषा पूरी हो सकती है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST

Goddess Laxmi: शास्त्रों में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है. मां लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख संपत्ति और धन वैभव पाने की अभिलाषा पूरी हो सकती है. घटती आमदनी, बढ़ते खर्चे, कारोबार में घाटा, परिवार में आर्थिक तंगी और पाई-पाई को मोहतज लोग जब मां लक्ष्मी को सच्चे मन से पुकारते हैं तो देवी प्रसन्न होकर धन का अंबार लगा देती हैं. अगर आप भी ऐसी ही किसी मुश्किल से गुजर रहे हैं तो मां लक्ष्मी की पूजा में कुछ दिव्य प्रयोग आपका उद्धार कर सकते हैं.

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व्यापार में घाटा
शुक्रवार का दिन सुबह स्नानादि के बाद सफेद कपड़े पहनें. लक्ष्मी जी को मिठाई का भोग लगाएं और लक्ष्मी चालीसा, कनकधारा स्तोत्र, या श्रीसूक्त का पाठ करें. इसके बाद दुकान या कार्यस्थल पर मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा के बाद श्रीयंत्र स्थापित कर दें. ठप कारोबार चल पड़ेगा.

विरासत में धन-संपत्ति पाने के उपाय
ज्योतिषविदों की मानें तो शुक्रवार के दिन लक्ष्मी मां को गुलाबी फूल की माला अर्पित करें. इसके बाद घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी जी की आरती करें. आपको विरासत में धनधान्य की प्राप्ति हो जाएगी.

उधार या कर्ज की समस्या
शुक्रवार के दिन एक नीम की लकड़ी घर लाएं. उसे पानी से धोकर साफ कर लें. इसके बाद शीशे के बर्तन में नमक मिले पानी को रख दें. आपकी कर्ज, उधार या लोन से जुड़ी समस्या हल हो जाएगी.

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मां लक्ष्मी के मंत्र
किसी भी तरह की आर्थिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप बहुत उत्तम माना जाता है. देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त, शाम को प्रदोष काल या रात को सोने से पहले कर सकते हैं.

1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
2. धनाय नमो नम:
3. ॐ लक्ष्मी नम:
4. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
5. क्ष्मी नारायण नम:

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