क्या है पीला पुखराज? जानिए इसकी विशेषता

पीला पुखराज सोने में तर्जनी अंगुली में बृहस्पतिवार को धारण किया जाता है. बिना सलाह के पुखराज कदापि धारण न करें.

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पीला पुखराज पीला पुखराज

सुमित कुमार / aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2019,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST

पुखराज एक बृहस्पति का मुख्य रत्न है. यह बृहस्पति को मजबूत करने के लिए धारण किया जाता है. इसका प्रभाव काफी तेज होता है और लम्बे समय तक बना रहता है. यह सोने में तर्जनी अंगुली में बृहस्पतिवार को धारण किया जाता है. बिना सलाह के पुखराज कदापि धारण न करें. अन्यथा यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.

पुखराज धारण करने के क्या फायदे

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यह मन में गंभीरता पैदा करता है. यह मोह को दूर करके वैराग्य को मजबूत करता है. यह ज्ञान प्राप्ति और ध्यान में सहायता करता है. यह वैवाहिक जीवन को दुरुस्त करता है. यह अपयश और भटकाव से रक्षा करता है. यह आकस्मिक घटनाओं से भी रक्षा करता है

क्या हो सकते हैं नुकसान

- इससे कभी कभी जीवन में नीरसता आ जाती है

- यह व्यक्ति को अहंकारी बना सकता है

- इससे मोटापा बढ़ने की संभावना होती है

- इससे पेट गड़बड़ हो सकता है

- हाइपर एसिडिटी भी हो सकती है

ये लोग जरूर करें धारण

मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न के लोग पीला पुखराज धारण कर सकते हैं. वृष, तुला, मकर और कुम्भ राशि के लोग पीला पुखराज बिलकुल धारण न करें. मिथुन और कन्या लग्न के लोग विशेष दशाओं में पुखराज पहन सकते हैं. पीले पुखराज के साथ मोती पहनना बहुत अच्छा होता है. पुखराज के साथ गोमेद कदापि धारण न करें.

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