चन्द्रमा, मन का स्वामी होता है और मन को प्रभावित करता है. जब भी चन्द्रमा दूषित होता है, मन और मन की समस्याएं व्यक्ति को खूब परेशान करती हैं. चन्द्रमा को सबसे ज्यादा दूषित राहु करता है. अगर राहु और चन्द्रमा का योग हो तो इसे शुद्ध रूप से ग्रहण योग कहना चाहिए. परंतु चन्द्रमा शनि या चन्द्रमा केतु के योग को ग्रहण योग नहीं कहा जा सकता है. ग्रहण योग जब भी कुंडली में हो यह सिर्फ समस्याएं ही पैदा करता है .
ग्रहण योग से किस तरह की सामान्य समस्याएं होती हैं?
- व्यक्ति को सबसे ज्यादा मन की समस्याएं परेशान करती हैं.
- उसे मन और कल्पना की समस्याएं परेशान करती हैं .
- व्यक्ति आम तौर पर भूत-प्रेत बाधा की शिकायत करता रहता है.
- कभी-कभी नींद न आने की भी गंभीर समस्या हो जाती है.
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- हर हाल में नशा करना और तीखी चीज़ें खाना बंद कर दें.
- नित्य प्रातः 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें.
- एक चांदी का छल्ला दाहिने हाथ के अंगूठे में पहनें.
ग्रहण योग से दाम्पत्य जीवन में किस तरह की समस्याएं होती हैं?
- ग्रहण योग होने पर दाम्पत्य जीवन नर्क बन जाता है.
- बिना किसी ठोस कारण के समस्याएं होने लगती हैं.
- ग्रहण योग के कारण ही पति पत्नी में शक जैसी चीजें भी पैदा होती हैं.
- कभी कभी विवाहेत्तर सम्बन्ध की स्थितियां बन जाती हैं.
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- घर में नियमित रूप से शिव पार्वती की उपासना करें.
- सोमवार को खीर जरूर खाएं.
- बहुत ज्यादा मार्बल या पत्थरों वाले घर में न रहें.
बीमारियों की समस्याएं
- ग्रहण दोष होने पर व्यक्ति को विचित्र तरह की बीमारियां परेशान करती हैं.
- कभी-कभी कुछ बीमारियों के लक्षण तो दिखते हैं लेकिन बीमारी नहीं होती है. आम तौर पर उनका कारण और निवारण समझ ही नहीं आता है.
ये हैं उपाय
- सफ़ेद चन्दन का टुकड़ा नीले धागे में लपेटकर गले में धारण करें.
- जल में चन्दन की सुगंध मिलाकर स्नान करें.
- शनिवार के दिन बताशा बांटें.
प्रज्ञा बाजपेयी