शनि की दृष्टि का पड़ता है ऐसा असर, करें ये उपाय

समस्त ग्रहों में सबसे ज्यादा ताक़तवर दृष्टि शनि की होती है. इसके पास सातवीं के अलावा तीसरी और दसवीं दृष्टि भी होती है.

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शनि की दृष्टि शनि की दृष्टि

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2018,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

हर ग्रह के पास एक ही दृष्टि होती है, जो केवल सातवीं दृष्टि है. परन्तु बृहस्पति, मंगल और शनि के पास अन्य दृष्टियां भी होती हैं. समस्त ग्रहों में सबसे ज्यादा ताकतवर दृष्टि शनि की होती है. इसके पास सातवीं के अलावा तीसरी और दसवीं दृष्टि भी होती है. ये दृष्टि जिस ग्रह, भाव या व्यक्ति पर पड़ती है, उसका नाश हो जाता है. शनि की दृष्टि अलग अलग ग्रहों पर पड़कर अलग अलग दुष्परिणाम पैदा करती है.

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शनि की दृष्टि का अलग अलग ग्रहों पर क्या असर पड़ता है ?

- अगर सूर्य पर दृष्टि हो तो व्यक्ति का दांपत्य जीवन ख़राब होता है. पिता पुत्र में सम्बन्ध अच्छे नहीं होते हैं.

- अगर चन्द्रमा पर हो तो तीव्र वैराग्य पैदा होता है. जिसके कारण या तो व्यक्ति सन्यासी होता है या मानसिक रोगी हो जाता है.

- अगर मंगल पर हो तो विस्फोट जैसी स्थिति आती है, प्रचंड दुर्घटना के योग बनते हैं .

- बुध पर दृष्टि हो तो व्यक्ति धूर्त, चालाक होता है, त्वचा की समस्या हो जाती है.

- बृहस्पति पर दृष्टि होने से व्यक्ति पेट का रोगी तो होता ही है, साथ ही ज्ञानी और अहंकारी भी हो जाता है.

- शुक्र पर दृष्टि हो तो चरित्र दोष होता है, व्यक्ति निम्न कर्म में लिप्त रहता है.

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- राहु या केतु पर दृष्टि हो तो व्यक्ति नशे का शिकार हो जाता है, कभी-कभी राजनीति में सफलता भी प्राप्त होती है.

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 शनि की दृष्टि कब लाभकारी होती है ?

- जब शनि अपनी राशि या उच्च राशि को देखता है.

- जब शनि मेष ,कर्क या सिंह राशि में आता है.

- जब शनि पर बृहस्पति की दृष्टि होती है.

- जब शनि कुम्भ राशि में होता है.

- जब शनि की दृष्टि लाभकारी हो तो व्यक्ति को धन और प्रशासन का वरदान मिलता है. साथ ही व्यक्ति घर से दूर जाकर सफल होता है.

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अगर शनि की दृष्टि का प्रभाव अशुभ हो तो क्या उपाय करें ?

- कभी भी शनि के किसी ऐसी मूर्ति के दर्शन न करें , जिसमे शनि की आंखें होती हैं.

- हर शनिवार के दिन लाल वस्त्र धारण करके हनुमान जी के समक्ष खड़े होकर हनुमान चालीसा का पाठ करें .

- रोज सायंकाल पश्चिम दिशा की ओर दीपक जलाकर शनि देव के मंत्र का जाप करें.

- घर के छोटों और सहायकों के साथ अच्छा व्यवहार रखें.

- नीले रंग का अधिक से अधिक प्रयोग करें.

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