भगवान गणेश की उपासना से बरसेगा धन, 27 दिनों तक करें ये महाउपाय

धन सम्बन्धी कोई भी बाधा आ रही हो तो वो भी इनकी कृपा से समाप्त हो जाती है. भगवान गणेश की उपासना के विशेष प्रयोग करने वाले को कभी भी धन का अभाव नहीं हो सकता.

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भगवान गणेश की उपासना के विशेष प्रयोग करने वाले को कभी भी धन का अभाव नहीं हो सकता भगवान गणेश की उपासना के विशेष प्रयोग करने वाले को कभी भी धन का अभाव नहीं हो सकता

सुमित कुमार / aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2019,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

भगवान गणेश बुद्धि और चातुर्य के देवता हैं. इनकी उपासना से अत्यंत तीव्र बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है. धन कमाने में भी बुद्दि और विवेक की आवश्यकता होती है जो गणेश जी की कृपा से सरलता से मिल जाती है. इसके अलावा अगर धन सम्बन्धी कोई भी बाधा आ रही हो तो वो भी इनकी कृपा से समाप्त हो जाती है. भगवान गणेश की उपासना के विशेष प्रयोग करने वाले को कभी भी धन का अभाव नहीं हो सकता. लाल गुलाब के 27 फूल बुधवार की सुबह भगवान गणेश को गं मन्त्र का उच्चारण करते हुए अर्पण करें.

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रुका धन कैसे मिलेगा वापस-

- गणेश जी की हरे रंग की मूर्ति उत्तर दिशा को साफ करके स्थापित करें. नित्य प्रातः 27 हरी दूर्वा की पत्ती गणेश जी को अर्पित करें. इसके बाद ॐ नमो भगवते गजाननाय का 108 बार जाप लाल आसन पर बैठकर करें. यह उपाय लगातार कम से कम 11 दिन तक करें. हर रोज सुबह और शाम भगवान गणपति को पीले रंग का एक मोदक भी अर्पण करें  और यह मोदक बच्चों में बांट दें.

बेवजह धन खर्च को रोकेंगे गणेश जी-

अपने घर या व्यापार की पूर्व दिशा की तरफ गणेश जी की पीले रंग की मूर्ति स्थापित करें. रोली मौली चावल धूप दीप से पूजन करें और हरी दूर्वा अर्पण करें. नित्य प्रातः पीले मोदक (लड्डू) चढाएं. ॐ हेरम्बाय नमः मन्त्र का लाल चंदन की माला से 108 बार जाप करें. यह उपाय 27  दिनों तक  लगातार करें आपका बेवजह धन खर्च अवश्य रुकेगा

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धन बीमारी पर लग रहा हो तो क्या करें-

- लाल रंग के भगवान गणेश की स्थापना करें.

- नित्य प्रातः गणेश जी को 11 लाल पुष्प अर्पित करें

- इसके बाद  वक्रतुण्डाय हुं मन्त्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें

- यह उपाय लगातार 27 दिनों तक करें

- ऐसा करने से आपका पैसा बीमारियों पर खर्च होने से रुक जाएगा

- व्यवसाय या नौकरी में धन की बढ़ोत्तरी का करें महाउपाय

- भगवान गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी जी की स्थापना करें

- गणेश जी और लक्ष्मी जी को गुलाब का इत्र अर्पित करें

- इसके बाद ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र 108 बार जपें

- यह उपाय हर शुक्रवार को करें और लगातार तब तक करें जब तक कार्य सिद्ध न हो

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