Ganesh Chaturthi 2025: पुणे के प्रतिष्ठित दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर की क्या है महिमा? जानें

Ganesh Chaturthi 2025: हर वर्ष यह 10 दिवसीय गणेश महोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि तक बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त आज से शुरू हो चुका है, जिसका समापन 6 सितंबर, अनंत चतुर्दशी के दिन होगा.

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भगवान गणेश (File Photo: Pexels) भगवान गणेश (File Photo: Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST

Ganesh Chaturthi 2025: आज से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के पर्व का खास महत्व है. इस त्योहार को भक्त बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं और बप्पा को घर लेकर आते हैं. माना जाता है कि इस दिन गणेश जी पूजा-उपासना करने से बप्पा की कृपा से मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. 

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वहीं, गणेशोत्सव के इस शुभ अवसर पर कईं भक्त गणेश जी की आराधना हेतु उनके प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करने भी जाते हैं. आज हम आपको उन्हीं प्रसिद्ध मंदिरों में से एक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम है दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर. दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर पुणे में स्थित है. 

क्या है दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर की कहानी?

पुणे का दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देशभर में बेहद प्रसिद्ध है. हर साल गणेशोत्सव पर इस मंदिर में लाखों भक्त गणपति बप्पा के दर्शन करने आते हैं. 

दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर से जुड़ी कथा के मुताबिक, 1800 के दशक में, पुणे के एक मिठाई व्यापारी दगडूशेठ हलवाई ने शहर में फैले प्लेग में अपने बेटे को खो दिया था. इस हादसे से दगडूशेठ हलवाई को बहुत ही बड़ा झटका लगा था और वह चाहते थे किसी भी तरह उनके मृत बेटे की आत्मा को शांति मिले. इसके बाद, दगडूशेठ ने एक बड़े पंडित से इस बारे में सलाह ली, तब पंडित जी ने उन्हें भगवान गणेश का मंदिर बनवाने की सलाह दी. 

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दगडूशेठ हलवाई ने पंडित जी की आज्ञा का पालन करते हुए सन् 1893 में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की और मंदिर का निर्माण कराया. तभी से इस गणपति को दगडूशेठ हलवाई गणपति के नाम से जाना जाने लगा. 

क्यों है प्रसिद्ध दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर?

कहते हैं कि इस मंदिर में स्थापित गणेशजी की प्रतिमा बहुत ही सुंदर और भव्य है. भगवान गणेश की इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब 7.5 फीट है, जो कि सोने-चांदी के गहनों से सजी रहती है. खास बात यह है कि बप्पा का चेहरा इतना आकर्षक है कि कोई भी भक्त एक बार देखकर नजरें हटा नहीं पाता है. 

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