इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा. यह दिन दिवाली महापर्व का पहला और बेहद शुभ दिन माना जाता है. इस दिन घरों में सोना-चांदी की खरीदारी करने की परंपरा रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस केवल सोना, चांदी या संपत्ति खरीदने का अवसर नहीं है?
धनतेरस का दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में इस दिन के गहरे धार्मिक और आध्यात्मिक मायने बताए गए हैं. शास्त्रों के मुताबिक, यह दिन हमें सिर्फ भौतिक संपत्ति के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि, स्वास्थ्य और जीवन में खुशहाली लाने के लिए भी प्रेरित करता है. आइए जानते हैं धनतेरस के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और उन उपायों के बारे में जिन्हें खासतौर से धनतेरस पर करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली आती है.
धनतेरस का शास्त्रीय महत्व
धनतेरस का असली मतलब है धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का महापर्व. पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए यह दिन स्वास्थ्य और आरोग्य का प्रतीक माना जाता है. इस दिन कुबेर देव की आराधना करने से विशेष फल मिलता है. मान्यता है कि इस दिन कुबेर देव की पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है. साथ ही, महालक्ष्मी इस दिन अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं. यही वजह है कि इस दिन को धनतेरस कहा गया है.
धनतेरस पर पूजन का महत्व
धनतेरस पर केवल धन की वस्तुएं खरीदना ही पर्याप्त नहीं है. सही पूजा करना उतना ही जरूरी है. सही पूजा विधि से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है.
प्रात: स्नान करके घर को गंगाजल से स्वच्छ करें. संध्या समय में गोधूली बेला में दीपक प्रज्वलित करें. भगवान धनवंतरी, मां लक्ष्मी और कुबेर देव का पूजन करें. धर्मग्रंथ, वेद या पुराण पर पुष्प और अक्षत अर्पित करें. ऐसा करने से दीपदान का विशेष फल प्राप्त होता है.
धनतेरस पर करने योग्य उपाय
इस दिन पितल या चांदी के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि घर की उत्तर दिशा में दीपक जलाने से कुबेर का आशीर्वाद मिलता है. तेरस की रात को तेरह दीपक जलाकर घर के प्रत्येक कोने में रखने से दरिद्रता का नाश होता है.
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