Surya Grahan 2025: चंद्र ग्रहण के बाद अब सूर्य ग्रहण बढ़ाएगा कुंभ राशि वालों की मुश्किल, रहें सावधान

Surya Grahan 2025: साल का दूसरा और आखिर सूर्य ग्रहण 21 सितंबर दिन रविवार को सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगेगा. यह सूर्य ग्रहण कुंभ राशि के जातकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं

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21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा (Photo: Pexels) 21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा (Photo: Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:08 PM IST

Surya Grahan 2025: 7 सितंबर को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण कुंभ राशि में लगा था. अब रविवार, 21 सितंबर को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगेगा. इस दिन सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध भी किया जाएगा. 15 दिन के अंतराल में लग रहे दो ग्रहण का कुंभ राशि के जातकों पर काफी ज्यादा असर देखने को मिल सकता है. ज्योतिषविद अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, आगामी सूर्य ग्रहण कुंभ राशि के जातकों के लिए कई तरह से नुकसानदायक साबित हो सकता है.

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सूर्य ग्रहण का समय (Surya Grahan 2025 Date Time)

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण रविवार, 21 सितंबर की रात 11 बजे शुरू होगा और इसकी समाप्ति देर रात सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर होगी. यह सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा. यह एक खंडग्रास सूर्य ग्रहण है, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. सूर्य ग्रहण जब भारत में दिखाई नहीं देता है तो उसका सूतक काल भी मान्य नहीं होता है.

आकस्मिक धन हानि या लाभ

ज्योतिषविद ने बताया कि इस सूर्य ग्रहण के कारण कुंभ राशि के जातकों को आर्थिक मोर्चे पर अचानक धन लाभ या हानि हो सकती है. हालांकि इसमें भी धन हानि की संभावना ही अधिक रहेगी. उधार या कर्ज में दिया रुपया-पैसा डूब सकता है. निवेश के मामलों में नुकसान हो सकता है. पैतृक संपत्ति के मामले में झटका लग सकता है.

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दुर्घटनाओं से बचें

सूर्य ग्रहण के चलते कुंभ राशि के जातकों को आकस्मिक दुर्घटनाओं से भी संभलकर रहने की सलाह दी गई है. ज्योतिषविद का कहना है कि इस दौरान वाहन सावधानी से चलाएं. दूसरों का वाहन मांगकर बिल्कुल न चलाएं. लड़ाई-झगड़े, वाद-विवाद से दूर रहें.

जोखिम के कार्यों से बचें

सूर्य ग्रहण लगने के बाद करीब एक महीने तक जोखिम भरे कार्यों से बचना चाहिए. इस दौरान कोई ऐसा कार्य न करें जिसमें शारीरिक, मानसिक या पद-प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने का खतरा हो. ऐसी जमीन या प्रॉपर्टी में निवेश करने से बचें, जिसमें पैसा डूबने का खतरा दिख रहा है. शत्रुओं और षडयंत्रकारियों से सतर्क रहें.

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