Malavya Rajyog 2025: जब भी किसी ग्रह की चाल में परिवर्तन होता है या उससे शुभ योग का निर्माण होता है, तो उसका प्रभाव देश-दुनिया पर जरूर पड़ता है. आज हम मालव्य राजयोग के बारे में बात करने जा रहे हैं. दरअसल, 2 नवंबर को शुक्र अपनी उच्च राशि तुला में प्रवेश करेंगे, जिससे मालव्य राजयोग का निर्माण होगा. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब यह योग बनता है तो जातक को जीवन में मान-सम्मान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. तो चलिए जानते हैं कि 2 नवंबर को बनने जा रहे मालव्य राजयोग से किन राशियों को फायदा होगा.
1. वृषभ
वृषभ राशि वालों के लिए यह योग जीवन में अच्छे अवसर लेकर आने वाला है. यह वक्त अत्यंत लाभदायक साबित होगा. जिन कार्यों में रुकावटें आ रही थीं, उनमें सफलता मिलने की पूरी संभावना बन रही है. करियर में नई ऊंचाइयां मिलेंगी. आय के नए स्रोत खुल सकते हैं. घर में सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी और लंबे समय से चली आ रही आर्थिक परेशानियां समाप्त हो सकती हैं. यह योग प्रेम संबंधों के लिए भी लकी माना जा रहा है. परिवार वालों के साथ संबंधों में मधुरता बढ़ेगी.
2. तुला
तुला राशि के जातकों को मालव्य राजयोग आर्थिक मजबूती देगा. इस समय आप जो भी प्रयास करेंगे, उसका लाभदायक परिणाम प्राप्त होगा. जो लोग नौकरी या व्यवसाय में हैं, उन्हें प्रमोशन या मुनाफे के अवसर प्राप्त हो सकते हैं. पुराने अटके कार्य पूरे होंगे. निवेश से लाभ की स्थिति बनेगी. पारिवारिक जीवन में प्रतिष्ठा प्राप्त होगी. आत्मविश्वास बढ़ेगा. कला, संगीत या ग्लैमर के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय करियर को नई दिशा देगा. ये वक्त आपकी पर्सनैलिटी को नई पहचान देगा.
3. धनु
धनु राशि वालों के मालव्य राजयोग समाज में प्रसिद्धि लेकर आ सकता है. करियर में कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं. विदेश यात्रा या किसी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत के योग भी बन रहे हैं. आर्थिक दृष्टि से भी यह अवधि लाभदायक रहेगी. समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी. लंबे समय से चल रही परेशानियों का समाधान होगा. व्यवसाय में निवेश करने के लिए यह समय लाभकारी साबित हो सकता है. आप अपनी प्रतिभा से लोगों का ध्यान आकर्षित कर पाएंगे. नौकरीपेशा लोगों को बेहतर अवसर और जिम्मेदारियां भी मिल सकती हैं.
मालव्य राजयोग क्या है?
मालव्य राजयोग पंच महापुरुष योगों में से एक अत्यंत प्रभावशाली योग माना गया है, जो तब बनता है जब शुक्र ग्रह लग्न से केंद्र भाव यानी प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में स्थित हो और अपनी ही राशि वृषभ, तुला या मीन में हो. यह योग व्यक्ति को रूप, सौंदर्य, कला, वैभव, भौतिक सुख-सुविधा और समाज में प्रतिष्ठा प्रदान करने वाला होता है.
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