Shardiya Navratri 2025 Date: शारदीय नवरात्र में कब है महाष्टमी और महानवमी? घटस्थापना का मुहूर्त भी जानें

Shardiya Navratri 2025: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व अत्यंत शुभ और विशेष माना जाता है. परंपरा के अनुसार, अष्टमी या नवमी तिथि पर विधि-विधान से कन्या पूजन किया जाता है. आइए जानते हैं कि वर्ष 2025 में महाष्टमी और महानवमी कब पड़ रही है.

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इस साल शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर से हो रहा है (Photo: Pixabay) इस साल शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर से हो रहा है (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST

Shardiye Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्र का अत्यंत विशेष महत्वपूर्ण माना गया है. साल में कुल चार नवरात्रि आते हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होते हैं. जबकि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि मुख्य रूप से मनाए जाते हैं. इनमें शारदीय नवरात्रि आश्विन मास में पड़ते हैं और जिसकी महिमा बड़ी ही खास है. साल 2025 में शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर दिन सोमवार से होने वाली है. 

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कब है अष्टमी और नवमी तिथि?

शारदीय नवरात्र में अष्टमी और नवमी तिथियों का विशेष महत्व बताया गया है. अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. साल 2025 में महाअष्टमी 30 सितंबर, मंगलवार को पड़ेगी. अष्टमी तिथि 29 सितंबर को शाम 04:31 बजे से शुरू होकर 30 सितंबर को शाम 06:06 बजे तक रहेगी. इस दिन विशेष रूप से कन्या पूजन का विधान है.

इसी तरह, महानवमी 1 अक्टूबर 2025, बुधवार के दिन पड़ेगी. नवमी तिथि 30 सितंबर शाम 06:06 बजे से शुरू होकर 1 अक्टूबर शाम 07:01 बजे तक रहेगी. इस दिन नवमी हवन और दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. महानवमी पर कन्या पूजन के साथ ही देवी दुर्गा को विदाई देने की शुरुआत हो जाती है. 

आश्विन मास की शुक्ल पक्ष अष्टमी और नवमी दोनों पर कन्या पूजन करने की परंपरा है. ऐसा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. नवरात्र व्रत का समापन भी कन्या पूजन के साथ ही होता है.

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इस दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

शारदीय नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथियों पर कुछ विशेष नियम और सावधानियां बताई गई हैं. इस दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. घर और मंदिर की अच्छी तरह से साफ-सफाई अवश्य करें. इस दिन पूजा के समय काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें. वाद-विवाद या कलह से दूरी बनाए रखें. किसी के प्रति गलत विचार या नकारात्मक सोच न रखें. बुजुर्गों, महिलाओं और कन्याओं का अपमान न करें. तामसिक भोजन (जैसे मांसाहार, शराब, लहसुन-प्याज आदि) का सेवन न करें.

कलश स्थापना का मुहूर्त
शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06.09 बजे से लेकर सुबह 08.06 बजे तक रहने वाला है. अगर आप इस मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं. इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक रहने वाली है.

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