Second Sawan Somwar 2025: आज सावन का दूसरा सोमवार है. श्रावण का पवित्र महीना, जिसे सावन भी कहा जाता है. यह महीना हिंदू कैलेंडर के नजरिए से बहुत ही खास माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित है. इस पवित्र महीने के दौरान भक्त सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक कल्याण के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए हर सोमवार को सावन सोमवार व्रत रखते हैं. श्रावण सोमवार को महादेव की भक्ति करना, प्रार्थना करना, मंत्रों का जप करना और उपवास करना बहुत ही विशेष माना जाता है.
सावन के दूसरे सोमवार पर जलाभिषेक का शुभ समय (Sawan Second Somwar 2025 Pujan Muhurat)
भगवान शिव का पूजन और सावन सोमवार का जलाभिषेक ब्रह्म मुहूर्त में करना विशेष लाभकारी और फलदायी माना जाता है. इसके अलावा भी कई मुहूर्त हैं.
ब्रह्म मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 4 बजकर 55 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त आज दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा
सावन के दूसरे सोमवार के शुभ योग (Sawan Second Somwar 2025 Shubh Yog)
सावन के दूसरे सोमवार पर आज कई शुभ योगों का संयोग भी बन रहा है जिसमें सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण होगा.
सावन के दूसरे सोमवार की पूजन विधि (Sawan Somwar Pujan Vidhi)
सावन सोमवार के दिन की शुरुआत सुबह के स्नानादि से होती है. उसके बाद साफ और सुथरे वस्त्र धारण करें. इसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद और बिल्वपत्र जैसी पवित्र वस्तुएं अर्पित करें. फिर, ऊं नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें. कई लोग सावन सोमवार पर व्रत रखते हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास रखते हैं या पूरे दिन केवल फल और दूध ग्रहण करते हैं. फिर इस दिन शाम को आरती करें और जलाभिषेक करने के लिए शिव मंदिर जरूर जाएं.
सावन सोमवार का महत्व (Sawan Somwar Significance)
सावन सोमवार का गहरा आध्यात्मिक महत्व है क्योंकि इस पवित्र महीने में भगवान शिव की पूजा करने से शीघ्र ही उनकी कृपा प्राप्त होती है. ऐसा कहा जाता है कि सावन में सोमवार को उपवास करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पिछले पापों का नाश होता है. कई भक्त सावन के पहले सोमवार से सोलह सोमवार व्रत (लगातार 16 सोमवार उपवास) भी शुरू करते हैं. उत्तर भारत में यह महीना सावन के नाम से प्रसिद्ध है, जबकि दक्षिण भारत में इसे श्रावण मास के नाम से जाना जाता है.
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