Sawan 2022: सावन के महीने में भूलकर भी ना करें ये गलतियां, व्रत का नहीं मिलेगा फल

सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग सोमवार का व्रत करते हैं. साथ ही, भोलेनाथ की प्रिय चीजें जैसे कि बेलपत्र, भांग, गंगाजल, दूध, चंदन, भस्म आदि अर्पित किए जाते हैं. हालांकि सावन में महिलाओं को शिव की पूजा के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. महिलाएं शिवजी की पूजा में जाने-अनजाने कई बड़ी गलतियां कर बैठती हैं.

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Sawan 2022: सावन के महीने में महिलाएं भूलकर भी ना करें ये गलतियां, व्रत को नहीं मिलेगा फल Sawan 2022: सावन के महीने में महिलाएं भूलकर भी ना करें ये गलतियां, व्रत को नहीं मिलेगा फल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST
  • सावन में महिलाएं ना करें गलतियां
  • नाराज हो सकते हैं महादेव

हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. इस महीने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग सोमवार का व्रत करते हैं. साथ ही, भोलेनाथ की प्रिय चीजें जैसे कि बेलपत्र, भांग, गंगाजल, दूध, चंदन, भस्म आदि अर्पित किए जाते हैं. हालांकि सावन में महिलाओं को शिव की पूजा के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. महिलाएं शिवजी की पूजा में जाने-अनजाने कई बड़ी गलतियां कर बैठती हैं.

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हल्दी ना लगाएं- शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है, इसलिए कभी भी शिव या शिवलिंग को हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए. आप सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, गंगाजल, दूध, चंदन, भस्म आदि अर्पित कर सकते हैं.

शिवलिंग ना छुएं- शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा के वक्त महिलाओं को कभी भी शिवलिंग पर हाथ नहीं लगाना चाहिए. ऐसी मान्यताएं हैं कि महिलाओं द्वारा शिवलिंग छूने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं.

काले वस्त्र ना पहनें- सावन के महीने में यदि आप सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो भूलकर भी काले रंग के कपड़े ना पहनें. काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक होता है. भोलेनाथ की उपासना के वक्त लाल या पीले रंगे कपड़े पहनना अच्छा माना जाता है. सावन के महीने में हरे रंग के कपड़े पहनना भी उत्तम होगा.

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ये चीजें ना खाएं- सावन के महीने में महिलाएं भूलकर भी बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, लहसुन, प्याज, मांस या शराब का सेवन ना करें. तामसिक भोजन की बजाए सात्विक खाने का सेवन करें.

चुगली या किसी की बुराई ना करें- किसी भी व्रत का मतलब होता है कि शारीरिक और मानसिक रूप से हम साधना करें और अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखें. सावन के महीने में किसी की बुराई ना करें और चुगली ना करें. ऐसा करने पर व्रत का फल नहीं मिलता है.

 

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