Premanand Maharaj Teachings: क्या आपको भी हारने से डर लगता है? प्रेमानंद महाराज की सलाह बदल देगी जीवन

Premanand Maharaj Teachings: वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने कुछ समय पहले एक डरे हुए छात्र को जीवन का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता-असफलता लगी रहती है लेकिन जीवन से बड़ी कोई चीज नहीं है.

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प्रेमानंद ने बताया टेंशन और फेलियर को कैसे हराएं (Photo: Instagram@premanandjimaharajofficial) प्रेमानंद ने बताया टेंशन और फेलियर को कैसे हराएं (Photo: Instagram@premanandjimaharajofficial)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:30 PM IST

Premanand Maharaj Teachings: वृंदावन के प्रेमानंद महाराज भक्ति योग, नाम जप (भगवान के नाम का जाप) और राधा-कृष्ण की लीलाओं के चिंतन के माध्यम से अपने यहां आने वाले भक्तों को प्रेम, सत्य और निस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाते हैं. प्रेमानंद जी महाराज केवल आध्यात्मिक शिक्षा ही नहीं देते बल्कि जीवन की चुनौतियों से लड़ने के लिए सच्चाई, निस्वार्थ प्रेम, मन पर नियंत्रण, सकारात्मक सोच और सेवा जैसे व्यावहारिक उपदेश भी देते हैं. '

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आपको भी फेल होने से लगता है डर

कुछ समय पहले एक भक्त ने प्रेमानंद जी से पूछा कि टेंशन होती रहती है. मैं कोटा में दो साल से तैयारी कर रहा हूं. पहले साल नहीं हुआ सिलेक्शन, दूसरे साल भी नहीं हुआ. अब डर लगता है कि अगर तीसरे साल भी नहीं हुआ तो क्या होगा. 

इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'कुछ नहीं होगा. क्या केवल यही एक चीज है. ऐसी मूर्खता करके बच्चे खुद को खत्म कर लेते हैं. हर एक जगह अगर हम परास्त हो गए तो क्या हमारा जीवन ही नहीं रहा. हम अगर ग्रेजुएट नहीं हो पाए तो क्या हमारा जीवन नहीं है.'

परीक्षा होती है तो टेंशन होती है, उसमें नाम जप छूट जाता है तो इस पर प्रेमानंद कहते हैं, 'टेंशन की क्या बात है. समय से पढ़ो, भगवान का स्मरण करो और अगर आएगा तो सबकुछ पढ़ाई के अंदर ही. अगर आप ठीक से पढ़ाई कर रहे हो. ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हो तो आप जो पढ़ोगे वो याद हो जाएगा.'

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जीवन से बड़ी कोई चीज नहीं

'आजकल के बच्चे ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करते हैं इसलिए उनकी स्मृति का नाश हो रहा है और फिर उन्हें परीक्षा से डर लगता है. ऐसे कैसे फेल हो सकते हैं.अगर हमसे कोई चूक हुई है और हम फेल हो जाते हैं तो बर्दाश्त है. अगली बार हम और पढ़ेंगे और हिम्मत करेंगे. हम भगवान के अंश हैं, हम हारने वाले नहीं हैं. ये किसी भी बच्चे के मन में नहीं होना चाहिए कि फेल हो गए तो क्या होगा. क्या यही जिंदगी, बस इतनी ही जिंदगी है.'

'आप खुद विचार कीजिए. अगर कोई विद्यार्थी परास्त हो जाता है तो जीवन नष्ट करने की नहीं सोचना. एक जीवन ऐसा है जो जगत में प्रकाशित हो जाएगा. भगवान के आश्रित हो कोई व्यापार कर लेंगे, कोई नौकरी कर लेंगे, अपने जीवन को थोड़े ही नष्ट कर लेंगे. हम छोटे से छोटा काम कर सकते हैं और भगवान हमारे साथ हैं तो हम बड़ा काम भी कर सकते हैं.'

प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'मन को रखें प्रसन्न'

'भगवान मच्छर को भगवान बना सकते हैं, मूर्ख को विद्वान कर दें. एक क्षण की बात है तो ये भरोसा तो बना रहना चाहिए. हर जगह फेल हैं लेकिन एक जगह पास हैं. इसलिए बिलकुल परेशान होने की बात नहीं है. दिमाग में प्रसन्नता रखो. जो होगा मंगलमय होगा. भगवान मंगलभवन हैं. मैं उनकी शरण में हूं. अब हमारा अमंगल नहीं होगा.'

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वो आगे कहते हैं, 'आपको ईश्वर से कहना नहीं हैं. पढ़ाई कर रहा हूं, नाम जप कर रहा हूं. तुम्हारी गर्ज हो तो पास कर देना. आप जैसा रखोगे वैसा रहूंगा. आपको पुकारता रहूंगा. खुद से कितना ऊपर जा पाओगे. वो जब गोद में लेकर उड़ेंगे तो आप बहुत ऊंचाई पर उड़ जाओगे.'

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