Premanand Maharaj: ठाकुरजी और राधारानी के अनन्य भक्त तथा वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज अक्सर लोगों को जीवन से जुड़े समाधान बताते हैं. हाल ही में उनका एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वे बाल, नाखून और दाढ़ी कटवाने के सही दिनों का महत्व समझा रहे हैं. महाराज कहते हैं कि क्षौर कर्म, यानी बाल बनवाना, दाढ़ी बनवाना या इससे जुड़े अन्य कार्य सप्ताह में केवल दो ही दिनों में करना उचित माना गया है. उनके अनुसार, अगर व्यक्ति यह काम किसी भी दिन करवा लेता है, तो उसे अनजाने में हानि उठानी पड़ सकती है.
इस दिन न कटवाएं बाल और नाखून
प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, 'सप्ताह के हर दिन के पीछे कोई न कोई नियम छिपा होता है. वे बताते हैं कि रविवार सूर्य देव का दिन माना गया है. सूर्य को तेज, ऊर्जा, बुद्धि और प्रतिष्ठा का कारक माना जाता है. ऐसे में इस दिन बाल या दाढ़ी कटवाने जैसे क्षौर कर्म करने से व्यक्ति को मानसिक कष्ट और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
फिर, महाराज जी सोमवार के महत्व को बताते हैं. सोमवार भगवान शिव का दिन होता है और इस दिन भी क्षौर कर्म करने को वर्जित माना गया है. मान्यता है कि इस दिन बाल या दाढ़ी कटवाने से शिव कृपा में कमी आती है और मन में बेचैनी बढ़ती है. खासकर जो लोग नियमित शिव उपासना करते हैं, उनके लिए यह निषेध और भी महत्वपूर्ण माना गया है.
आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'मंगलवार और शनिवार को भी क्षौर कर्म नहीं करना चाहिए. ये दिन हनुमानजी और शनिदेव से जुड़े होते हैं. परंपराओं में यह माना जाता है कि इन दिनों में ऐसे कार्य करने से आयु में बाधा, यानी जीवनशक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसी कारण इन दिनों बाल या दाढ़ी कटवाना शुभ नहीं माना जाता है.
किन दिनों में बाल-दाढ़ी बनवाना है शुभ?
फिर, प्रेमानंद महाराज के अनुसार, 'बुधवार का दिन बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो बुद्धिमत्ता, वाणी, व्यापार, चातुर्य और सौभाग्य के कारक माने जाते हैं. इस दिन बाल या दाढ़ी कटवाने से व्यक्ति की मानसिक स्पष्टता बढ़ती है, कार्यक्षमता मजबूत होती है और आर्थिक अवसरों में वृद्धि होती है. यह दिन सौंदर्य और आकर्षण बढ़ाने वाला भी माना गया है, इसलिए, क्षौर कर्म के लिए इसे अत्यंत शुभ कहा गया है.
इसके विपरीत, गुरुवार गुरु का दिन है. भगवान बृहस्पति ज्ञान, धर्म, संस्कार, प्रतिष्ठा और लक्ष्मी के संरक्षक माने जाते हैं. इस दिन क्षौर कर्म करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति, भक्ति भाव और सामाजिक सम्मान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इस दिन कोई भी ऐसा कर्म नहीं किया जाता जो गुरु की ऊर्जा को अस्थिर करें. यही कारण है कि गुरुवार को बाल-दाढ़ी कटवाने से लक्ष्मी स्थिरता पर भी असर माना जाता है.
वहीं, शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह का होता है, जो सौंदर्य, प्रेम, आकर्षण, कला, विलास और भाग्य के प्रतीक हैं. इसी वजह से शुक्रवार को क्षौर कर्म करना शुभ माना गया है. इस दिन बाल या दाढ़ी कटवाने से व्यक्ति की आकर्षकता, सामाजिक छवि, यश और लाभ बढ़ने की मान्यता है. कई परंपराओं में इसे शारीरिक, मानसिक और भौतिक रूप से उन्नति देने वाला दिन माना जाता है.
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