New Year 2026 Surya: साल 2025 अपने अंतिम चरण में है और कुछ घंटों बाद नया साल 2026 शुरू हो जाएगा. नया साल 2026 सूर्य का वर्ष है. न्यूमैरोलॉजी या अंक ज्योतिष के अनुसार, 2026 का टोटल 10 (2+0+2+6= 10) होता है. न्यूमैरोलॉजी में 10 अंक का मूलांक 1 होता है, जिसे सूर्य का अंक माना जाता है. इसलिए ज्योतिषविद नए वर्ष 2026 को सूर्य का साल बता रहे हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार, इस वर्ष सूर्य का प्रभाव बहुत अधिक रहने वाला है. लेकिन साल में सात ऐसे भी दिन होंगे जब सूर्य की शक्ति क्षीण हो जाएगी. सूर्य देव का प्रभाव कमजोर दिखाई पड़ेगा. आइए जानते हैं कि वो दिन कौन से हैं.
13 फरवरी को राहु के साथ युति
ग्रहों के राजा सूर्य 13 फरवरी 2026 को कुंभ राशि में गोचर करेंगे. इस राशि में पाप ग्रह राहु पहले से बैठा हुआ है. इसलिए कुंभ राशि में राहु की मौजूदगी सूर्य की शक्ति को प्रभावित करेगी.
15 मार्च को मीन खरमास
फिर 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में गोचर कर जाएंगे, जिससे मीन खरमास प्रारंभ हो जाएगा. इस अवधि में भी सूर्य की शक्ति क्षीण हो जाती है. ऐसे में शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मीन खरमास में सूर्य का तेज कम हो जाता है.
17 अगस्त को केतु के साथ युति
पाप ग्रह केतु अभी सिंह राशि में बैठा हुआ है और 2026 में भी लगभग पूरे साल इसी राशि में रहने वाला है. 17 अगस्त 2026 को जब सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करेंगे तो यहां सूर्य-केतु की युति बनेगी. इस राशि में रहने तक भी सूर्य का प्रभाव कम रहेगा.
17 अक्टूबर को नीच की राशि तुला में सूर्य
सूर्य तुला राशि में नीच के माने जाते हैं. इस राशि में सूर्य केवल 1 डिग्री पर स्थित होते हैं, जो कि बहुत कमजोर स्थिति मानी जाती है. इस दौरान सूर्य का प्रभाव काफी कम हो जाता है, जिससे लोगों के जीवन में कई तरह की समस्याएं आने की संभावना रहती है.
16 दिसंबर को धनु खरमास
सूर्य अभी धनु राशि में हैं और साल 2026 के आखिरी में 16 दिसंबर को सूर्य पुन: धनु राशि में आ जाएंगे. ज्योतिष शास्त्र में इस घटना को धनु खरमास कहा जाता है. धनु खरमास में भी शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों की मनाही होती है.
दो सूर्य ग्रहण
नए साल 2026 में दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं. पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी को लगेगा. जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त को होगा. इनमें से कोई भी सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा. और न ही इनका सूतक काल मान्य होगा. फिर भी सूर्य ग्रहण की अवधि में सूर्य का प्रभाव तो घट ही जाता है. इसलिए इस दिन लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
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