Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भद्रा के साए से बढ़ी लोगों की चिंता, ज्योतिषविद से समझें पूरा मामला

महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी. ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल महाशिवरात्रि पर भद्रा का अशुभ साया रहेगा. इस कारण भोलेनाथ के भक्त चिंता में पड़ गए हैं. हर कोई सोच रहा है कि भद्रा के साय में कैसे शिवजी की पूजा होगी.

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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भद्रा के साए से बढ़ी लोगों की चिंता, ज्योतिषविद से समझें पूरा मामला Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भद्रा के साए से बढ़ी लोगों की चिंता, ज्योतिषविद से समझें पूरा मामला

अरुणेश कुमार शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST

Mahashivratri 2023: भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन शिवलिंग पर भांग, धतूरा, श्रीफल व बेलपत्र चढ़ाने और भगवान शिव का जलाभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि महाशिवरात्रि पर व्रत-उपासना करने से घर में सुख-संपन्नता बनी रहती है. वहीं, ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल महाशिवरात्रि पर भद्रा का अशुभ साया रहेगा. इस कारण भोलेनाथ के भक्त चिंता में पड़ गए हैं. हर कोई सोच रहा है कि भद्रा के साए में कैसे शिवजी की पूजा होगी.

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महाशिवरात्रि पर क्या है भद्रा का समय? (Mahashivratri Par Bhadra Ka Saya)
हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन रात 08 बजकर 02 मिनट से लेकर अगले दिन 19 फरवरी को सुबह 06 बजकर 56 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा. ऐसे में महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले निशा काल में कैसे भगवान शिव की पूजा करेंगे? यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है.

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा ने महाशिवरात्रि पर भद्रा के साए के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. ज्योतिषविद ने बताया कि भद्रा के साए का असर शुभ और मांगलिक कार्यों पर पड़ता है. देवी-देवताओं की पूजा-पाठ इससे कभी प्रभावित नहीं होती है. दूसरा, भगवान शिव स्वयं विघ्न हरने वाले हैं. इनकी भक्ति करने वालों पर किसी भद्रा काल या नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है.

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इसके अलावा, महाशिवरात्रि पर लग रही भद्रा का निवास स्थल पाताल लोक है. यानी इस दिन पाताल लोक में भद्रा लगेगी. इसका पृथ्वी से कोई संबंध नहीं होगा. भद्रा जब पाताल में होती है तो शुभ और मांगलिक कार्यों पर भी इसका कोई असर नहीं होता है. इसलिए महाशिवरात्रि पर आप निश्चिंत होकर किसी भी समय शिवजी की पूजा कर सकते हैं.

महाशिवरात्रि पर क्या करें? (Mahashivratri Pujan Vidhi)
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की विधिवत पूजा करें और उन्हें बेलपत्र, दूध, गंगा जल, शहद, पुष्प, श्रीफल आदि अर्पित करें. शिवजी को मीठी खीर का भोग लगाएं. ॐ नमः शिवाय मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. चार पहर की पूजा के बाद अगले दिन सुबह इस व्रत का पारण किया जाता है.

महाशिवरात्रि पर क्या न करें? (Mahashivratri Dont's)
महाशिवरात्रि पर भूलकर भी शिवलिंग पर तुलसी दल अर्पित न करें. ऐसा करने से भोलेनाथ रुष्‍ट हो जाते हैं. इसके अलावा, शिवजी को हल्दी, सिंदूर या कुमकुम अर्पित नहीं करना चाहिए. शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना भी वर्जित है. शिवलिंग पर नारियल पानी भी न चढ़ाएं. साथ ही, इस दिन मुंह से अपशब्द न निकालें. झूठ बोलने से बचें. दूसरों की निंदा न करें.

 

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