Kartik Purnima 2024 Date: कब है कार्तिक पूर्णिमा? जानें दीपदान का महत्व और पूजन विधि

Kartik Purnima 2024: जैसे कार्तिक अमावस्या पर पूरा देश दीपक जलाकर दीपावली मनाता है. ठीक उसी तरह 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को देवता दीपावली मनाते हैं. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाई जाएगी.

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पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:31 AM IST

Kartik Purnima 2024 Date: कार्तिक पूर्णिमा को पंचांग की सबसे पवित्र तिथि माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा की तिथि दैवीय कृपा और ऊर्जा से परिपूर्ण होती है. तभी तो इस दिन किए गए स्नान-दान का महत्व खास होता है. जैसे कार्तिक अमावस्या पर पूरा देश दीपक जलाकर दीपावली मनाता है. ठीक उसी तरह 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को देवता दीपावली मनाते हैं. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाई जाएगी. आइए आपको कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और पूजन विधि के बारे में बताते हैं.

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पूर्णिमा तिथि का महत्व
पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है. इसीलिए नदियों और सरोवरों में स्नान करना उत्तम माना जाता है. कार्तिक की पूर्णिमा के स्नान से नौ ग्रहों की कृपा आसानी से मिल सकती है. इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी माना गया है.

कार्तिक पूर्णिमा तिथि
इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 20 मिनट से लेकर 15 नवंबर की मध्य रात्रि 2 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 15 नवंबर को ही रखा जाएगा.

कार्तिक पूर्णिमा की पूजन विधि
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें. यदि संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें. साथ ही, संध्या काल में मुख्य द्वार, मंदिर और तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं. कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान का विशेष महत्व है.

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भगवान विष्णु और तुलसी पूजन
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र दर्शन के बाद घर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और उनके चरणों में पीले फूल अर्पित करें. फिर तुलसी माता की पूजा करें और जल अर्पित करें. विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें. उन्हें बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करें और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें.

दान पुण्य
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, घी और आटे का दान करें. गौ दान का भी महत्व है, लेकिन यदि संभव न हो तो गौ सेवा कर सकते हैं.
 

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