Janmashatami 2024 Shubh Muhurt: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कल, कन्हैया की पूजा के लिए मिलेगा बस इतना समय, जानें शुभ मुहूर्त

Janmashatami 2024 shubh muhurt: इस बार अष्टमी 26 अगस्त को सुबह 03.39 पर आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को देर रात 02.19 पर होगा. यानी 26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी. इस बार श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

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श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव मनाया जाएगा. श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:50 AM IST

Janmashatami 2024 Shubh Muhurt: हर साल भाद्रपद कृष्ण की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का महापर्व मनाया जाता है. इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा. ज्योतिष गणना के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म वृष लग्न, वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति, दीर्घायु और सुख-संपन्नता का वरदान प्राप्त होता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त भूखे-प्यासे रहकर उनके लिए उपवास करते हैं और रात्रिकाल में उनकी विधिवत पूजा करते हैं. कहते हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाकर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है. आइए आपको जन्माष्टमी की पूजन विधि और शुभ मूहूर्त के बारे में बताते हैं.

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त (Janmashatami 2024 Shubh Muhurt)
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म वृष लग्न और वृष राशि में हुआ था. इसलिए जन्म का उत्सव इसी काल में मनाया जाता है. इस बार अष्टमी 26 अगस्त को सुबह 03.39 पर आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को देर रात 02.19 पर होगा. यानी 26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी. इस बार श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

कैसे मनाएं जन्माष्टमी का त्योहार? (Janmashatami 2024 Pujan vidhi)
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करके व्रत या पूजा का संकल्प लें. दिनभर जलाहार या फलाहार ग्रहण करें. सात्विक रहें. फिर मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण की धातु की प्रतिमा को किसी पात्र में रखें. उस प्रतिमा को दूध, दही, शहद, शर्करा और अंत में घी से स्नान कराएं. इसी को पंचामृत स्नान कहते हैं.

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इसके बाद भगवान को जल से स्नान कराएं. ध्यान रहे कि अर्पित की जाने वाली चीजें शंख में डालकर ही अर्पित की करनी चाहिए. तत्पश्चात पीताम्बर, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें. इसके बाद भगवान को झूले में बैठाकर झूला झुलाएं. झूला झुलाकर प्रेम से अपनी कामना कहें. आपके जीवन में चल रही सभी बाधाओं को कान्हा समाप्त कर देंगे.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का प्रसाद (Janmashatami 2024 Prasad)
कृष्ण जन्माष्टमी पर कुछ खास किस्म के भोग बनाकर उन्हें प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. इस दिन आप धनिया पंजीरी, माखन मिश्री, मिठाई में तुलसी दल, मखाना पाग, चरणामृत. मेवा खीर आदि का भोग बनाकर कन्हैया को लगा सकते हैं और प्रसाद के रूप में बांट सकते हैं.

किन मंत्रों और स्तुतियों का जाप करें? (Janmashatami 2024 Mantra Stuti)
भगवान कृष्ण का नाम ही एक महामंत्र है. इसका जप किया जा सकता है. इसके अलावा "हरे कृष्ण" महामंत्र का भी जप कर सकते हैं. जीवन में प्रेम और आनंद के लिए "मधुराष्टक" का पाठ करें. श्री कृष्ण को गुरु रूप में प्राप्त करने के लिये श्रीमदभगवदगीता का पाठ करें. अपनी समस्त कामनाओं को पूर्ण करने के लिये "गोपाल सहस्त्रनाम" का पाठ भी कर सकते हैं. इसके अलावा भी इनके कुछ दिव्य मंत्र हैं.

- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
- ऊँ कृष्णाय नम:
- कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
- ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:-

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