Dhanteras 2021: धनतेरस कब है? जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Dhanteras 2021: धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन से धन्वंतरि हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है.

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धनतेरस 2021 की तिथि, पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व  धनतेरस 2021 की तिथि, पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST
  • धनतेरस पर करें कुबेर-धनवंतरि की पूजा
  • शाम को घर में जलाएं यम के नाम का दीपक

दिवाली से पहले कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस (Dhanteras 2021) का पर्व मनाया जाता है. इस दिन को धन त्रयोदशी या धनवंतरि जयंती भी कहा जाता है. धनतेरस पर मां लक्ष्मी, भगवान धनवन्तरी और धन कुबेर की उपासना करने से घर में धन के भंडार कभी खाली नहीं होते हैं. धनतेरस इस साल 02 नबंवर 2021 दिन मंगलवार को है. इस त्योहार को धन और समृद्धि का कारक माना जाता है. 

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जानें क्या है महत्व
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि धनतेरस से ही शुभ दीपोत्सव की शुरुआत होती है. रोशनी के इस त्योहार पर मां लक्ष्मी की कृपा रहती है. उससे पहले धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन से धन्वंतरि हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है. धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा की जाती है. साथ ही शाम के वक्त परिवार की मंगलकामना के लिए यम नाम का दीपक भी जलाया जाता है. 

धनतेरस तिथि व शुभ मुहूर्त
धनतेरस इस साल 2 नवंबर 2021 दिन मंगलवार को है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि 2 नवंबर को प्रदोष काल शाम 5 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक का है. वहीं वृषभ काल शाम 6.18 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा. धनतेरस पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.18 मिनट से रात 8.11 मिनट तक रहेगा. 

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इस तरह करें पूजन 
धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरि की स्थापना करनी चाहिए. दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए. भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरि को पीली मिठाई को भोग लगाया जाता है. पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें. इसके बाद "धनवंतरि स्तोत्र" का पाठ करें. पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरि को पूजा स्थान पर स्थापित करें. 

 

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