Chandra Grahan 2025 Live Updates: साल 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण खत्म हो चुका है. चंद्र ग्रहण से ही पितृपक्ष की शुरुआत भी हुई, जो एक दुर्लभ संयोग है. यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण था. भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 09.58 बजे आरंभ हुआ और रात 01.26 बजे ग्रहण की समाप्ति हो गई. इस बीच रात 11.42 बजे आसमान में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई दिया.
बस थोड़ी देर में 9 बजकर 58 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण 1 बजकर 26 मिनट तक चलेगा. दुनिया भर के लोगों को चंद्र ग्रहण का बेसब्री से इंतजार है.
चंद्र ग्रहण लगने का समय नजदीक आ रहा है. रात 09:58 पर ग्रहण शुरू हो जाएगा, वहीं 11 बजे के बाद ब्लड मून दिखाई देगा. 82 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण रहेगा. इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चांद के बीच आ जाएगी, जिससे चांद पर उसकी छाया पड़ेगी और चांद लाल-नारंगी रंग का दिखाई देगा. इसे ही ब्लड मून कहा जाता है.
चंद्र ग्रहण लगने का समय नजदीक आ रहा है. चंद्र ग्रहण रात 09:58 पर लगेगा और ब्लड मून रात 11 बजे के बाद नजर आएगा. चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से देखने में कोई खतरा नहीं है क्योंकि चंद्रमा की रोशनी बहुत तेज नहीं होती है.
आज चंद्र ग्रहण के दिन आप‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः’। का जाप कर सकते हैं. इससे मानसिक शांति मिलेगी, तनाव कम होगा. साथ ही, आर्थिक समस्याएं और घर-परिवार से जुड़ी परेशानियां भी दूर हो सकती हैं.
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है. इस वजह से, चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे मां और गर्भ में शिशु की सेहत पर खराब असर पड़ सकता है. हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो चंद्र ग्रहण का गर्भवती महिलाओं पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होता.
हिंदू पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को और सूर्य ग्रहण अमावस्या को लगता है. खगोलशास्त्र के अनुसार, पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं, जबकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है. कभी-कभी ऐसा होता है कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. यदि चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाए, तो सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्र ग्रहण होता है.
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण रविवार, 7 सितंबर को रात 09.58 बजे आरंभ होगा और रात 01.26 बजे ग्रहण की समाप्ति होगी. यह ग्रहण ब्लड मून होगा जिसमें चंद्रमा की सतह पर लाल रंग की परछाई पड़ेगी. यह ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और कुंभ राशि में घटित होगा.
7 सितंबर यानी आज रात पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण राहु के नक्षत्र शतभिषा से शुरू होगा और गुरु के नक्षत्र पूर्वभाद्रपद पर इसका समापन होगा. चंद्र ग्रहण पर आज सूर्य, शनि और गुरु जैसे बड़े ग्रहों का महासंयोग भी बन रहा है. इस दिन दो ग्रहों की अहम भूमिका रहेगी.
चंद्र ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार अधिक रहता है. इसलिए, इस दौरान गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा सावधान रहना चाहिए. उन्हें चंद्र ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. माना जाता है कि ग्रहण की किरणें गर्भ में पल रहे भ्रूण पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं. गर्भवती महिलाओं के अलावा, बीमार व्यक्ति और बूढ़े लोगों को भी ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
चंद्र ग्रहण आज रात 9.58 बजे शुरू होगा और इसका समापन देर रात 01.26 बजे होगा. चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट होगी. चंद्र ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव रात 11 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 22 मिनट के बीच रहेगा. इस बीच ग्रहण का पीक टाइम रात 11 बजकर 42 मिनट होगा. इस वक्त दुनियाभर में लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा देख सकेंगे.
चंद्र ग्रहण के समय व्यस्कों, बीमार व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं के अलावा किसी को भी भोजन नहीं करना चाहिए. यह ग्रहण कुंभ राशि पर पड़ रहा है. इसका प्रभाव विशेष रूप से कुंभ राशि पर पड़ेगा. कुंभ राशि वालों को सावधानी बरतनी चाहिए और जितना हो सके महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए ताकि उनके स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े.
चंद्र ग्रहण के मोक्ष काल (ढलता हुआ चंद्र ग्रहण) में दूध, अन्न, फल और सफेद चीजों का दान करें. इसके अलावा, ग्रहण के अगले दिन मंदिर जाकर पंडितों को दान दें और दक्षिणा भी दें.
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगा और देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण का स्पर्श काल रात 8 बजकर 59 मिनट से शुरू हो जाएगा, मुख्य चरण रात 11 बजकर 42 मिनट पर होगा और मोक्ष काल इसका रात 2 बजकर 24 मिनट पर होगा. यानी भारत में संपूर्ण ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की रहेगी.
7 सितंबर यानी आज रात लगने वाले साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ हो चुका है. इस सूतक काल का समापन चंद्र ग्रहण के समापन के साथ ही होगा. चंद्र ग्रहण आज रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और ग्रहण का समापन 8 सितंबर की अर्धरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा.
सूतक काल ग्रहण से पहले ही शुरू हो जाता है. चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का पारंपरिक रूप से बहुत महत्व होता है. इस दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूने या कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज किया जाता है.
चंद्र ग्रहण के प्रभाव से बालक, वृद्ध व्यक्ति और रोगी मुक्त होते है. लेकिन, हमारे यहां ग्रहण काल में सोना, खाना और पीना नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिला को भी नहीं सोना चाहिए और चाकू का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए. ग्रंथ भी नहीं पढ़ना चाहिए. खाने की चीजों में तुलसी डाल देना चाहिए.
ज्योतिर्विदों की मानें तो, इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा. लेकिन, यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए बहुत ही शुभ रहेगा और कुछ राशियों के लिए बहुत ही अशुभ रहने वाला है. जिन राशियों के लिए चंद्र ग्रहण शुभ है उनमें शामिल है मिथुन, कर्क, वृश्चिक और मीन.
इस्लाम धर्म में चंद्र ग्रहण को चांद ग्रहण के नाम से जाना जाता है. चांद ग्रहण के वक्त की नमाज को सलात-अल-खुसूफ कहा जाता है. इस्लामिक स्कॉलर के मुताबिक, चांद ग्रहण के समय मुसलमान लोगों को अल्लाह को याद करना चाहिए.
आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और आज से ही पितृ पक्ष की भी शुरुआत हुई है. ज्योतिषियों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण पर पितृ पक्ष का ये दुर्लभ संयोग पूरे 122 साल बाद बना है. वहीं, चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और पवित्र नदियों में स्नान जैसे धार्मिक कार्य भी निपटा लें.
आज रात लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12.57 बजे शुरू हो जाएगा. सूतक लगने से पहले तीन जरूरी काम निपटा लें. सूतक में मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. ग्रहण समाप्त होने तक कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं होगा. इसलिए पूजा-पाठ और पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध, पिंडदान अभी कर लें. सूतक लगने से पहले तुलसी दल तोड़ लें. ताकि खाने-पीने की चीजों में उनका प्रयोग किया जा सके.
चंद्र ग्रहण का भारत पर सीधा सीधा प्रभाव देखने को मिलेगा. भारत के पहाड़ी राज्यों पर भी इस ग्रहण का असर दिखेगा. ओडिशा, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. भारत के अलावा विश्व में भी सीधा सीधा इसका प्रभाव पड़ेगा. पूरी दुनिया में आपदा आने की संभावना बन रही है. इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में देखने को मिलेगा. इस ग्रहण से वैश्विक स्तर पर नकारात्मकता देखने को मिल सकती है.
आज साल का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण, जो कि पूरे 3 साल बाद लग रहा है. साथ ही, आज पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा जिसका संयोग पूरे 500 साल बाद बनेगा. इसके अलावा, आज शनि-मंगल का समसप्तक योग भी बनेगा और आज राहु चंद्रमा की युति बनेगी यानी ये दोनों एक ही राशि में होंगे. इनके अलावा, सूर्य बुध केतु की युति से त्रिग्रही योग का भी निर्माण होने जा रहा है.
हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण को बेहद अशुभ घटना माना गया है.7 सितंबर यानी आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है जिसका सीधा सीधा प्रभाव सभी राशियों पर भी पड़ेगा. इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव हमें कुंभ राशि पर देखने को मिलेगा क्योंकि यह ग्रहण कुंभ राशि में लगने जा रहा है.
आज लगने जा रहे चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो जाएगा. वहीं, आज शाम को सूतक के बीच राहुकाल की भी एंट्री होगी जो शाम 05 बजकर 10 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 35 मिनट बजे तक रहेगा. इस दौरान बच्चों, बुजुर्गों, रोगियों और गर्भवती महिलाओं को खास सावधानियां बरतनी चाहिए. ग्रहण और सूतक काल के दौरान इन लोगों को घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए.
आज चंद्रग्रहण पर भाद्रपद पूर्णिमा का भी संयोग बनने जा रहा है. माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है. यह चंद्र ग्रहण भारत में दर्शनीय हैं तो इसलिए आज सूतक काल शुरू होने से पहले ही भाद्रपद पूर्णिमा के विशेष अनुष्ठान स्नान-दान निपटा लें.
आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. ये चंद्र ग्रहण दो कारणों से महत्वपूर्ण होगा. एक तो चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा, जिसका सूतक काल 9 घंटे पहले ही लग जाएगा. दूसरा, चंद्र ग्रहण पर आज भाद्रपद पूर्णिमा और पितृ पक्ष की भी शुरुआत हो रही है. ज्योतिषविद के मुताबिक, इस चंद्र ग्रहण का विश्व राजनीति पर नकारात्मकता प्रभाव देखने को मिल सकता है. किसी विशेष राजनेता को बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है. गुरु के नक्षत्र में ग्रहण जाएगा तो प्रशासन से जुड़ी चीजों में बहुत दिक्कतें आएंगी. इसके अलावा इस दौरान सरकारें नीतियों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण और बड़े फैसले ले सकती हैं. सरकार और जनता के बीच किसी बड़े मुद्दे पर टकराव हो सकता है. यहां पढ़ें पूरी खबर...
चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा, इसलिए सलाह दी जाती है कि जरूरी धार्मिक कार्य सुबह ही पूरे कर लिए जाएं. मंदिर में पूजा-अर्चना, जप-ध्यान जैसे काम सूतक लगने से पहले करना उचित माना गया है. 7 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध भी पड़ रहा है, ऐसे में पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान सुबह ही संपन्न कर लेना चाहिए. तुलसी के पत्ते भी पहले ही तोड़कर सुरक्षित रख लें ताकि उन्हें भोजन या जल में प्रयोग किया जा सके.
चंद्र ग्रहण से जुड़ा सूतक काल आज दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से शुरू माना जाएगा. हालांकि यह नियम सभी पर समान रूप से लागू नहीं होगा. बच्चों, वृद्धजनों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष छूट रखी गई है. इनके लिए सूतक का असर 7 सितंबर की शाम 6 बजकर 35 मिनट से माने जाने की बात कही गई है. जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त होगा, उसी समय सूतक का प्रभाव भी खत्म हो जाएगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र या इस्तेमाल होने वाली चीजें दान करना शुभ होता है. ग्रहण खत्म होने के बाद आप चावल, दूध, चीनी, घी, वस्त्र या सामर्थ्य के अनुसार चांदी भी दान कर सकते हैं.
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भादो पूर्णिमा पर लग रहा है. इसी तिथि से श्राद्धपक्ष भी शुरू हो रहे हैं. चंद्र ग्रहण का सूतक लगने के बाद पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं. इसलिए ज्योतिषविदों की सलाह है कि 7 सितंबर को सूतक लगने से पहले ही पितरों का श्राद्ध और पिंडदान कर लें. सूतक दोपहर 12.57 बजे लगेगा. आपको इससे पहले ही श्राद्ध, पिंडदान करना होगा.
धनु- करियर में कोई बड़ा अवसर मिल सकता है. स्थान परिवर्तन के योग बनते दिख रहे हैं. नौकरीपेशा लोगों को मनचाहा ट्रांसफर मिल सकता है. रुके हुए काम पूरे होंगे. ग्रहण के बाद दूध का दान करें.
मकर- आपको आर्थिक मोर्चे पर नुकसान हो सकता है. पारिवारिक जीवन में समस्या आ सकती है. करियर में लापरवाही से अपयश मिल सकता है. ग्रहण के बाद प्रयोग की जाने वाली किसी सफेद वस्तु का दान करें.
कुंभ- यह चंद्र ग्रहण आपकी राशि में ही लग रहा है. माता पिता और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें. करियर में किसी तरह का जोखिम न लें. रिश्तों और प्रेम संबंधों में समस्या हो सकती है. ग्रहण के बाद चावल का दान करें.
मीन- स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में समस्या हो सकती है. पारिवारिक जीवन का बहुत ध्यान रखें. इस समय दुर्घटनाओं से सावधान रहें. ग्रहण के दौरान शिव मंत्र का जाप करें.
सिंह- आपके कारोबार और रोजगार में समस्या आ सकती है. शादीशुदा जीवन का ध्यान रखें. फिलहाल बड़े निवेश से दूर रहें. किसी नए काम की शुरुआत न करें. ग्रहण के पश्चात चावल का दान करें.
कन्या- रोग-बीमारियों से बचाव होगा. स्वास्थ्य में सुधार होता जाएगा. रुके हुए काम पूरे होंगे. शत्रु और विरोधी परास्त होंगे. ग्रहण समाप्त होने के बाद सफेद मिठाई का दान करें.
तुला- आपके करियर में समस्या आ सकती है. आर्थिक मोर्चे पर संभलकर निर्णय लें. लिखा-पढ़ी के कार्यों में सावधानी रखें. प्रेम और रिश्तों के मामले में अपयश मिल सकता है. ग्रहण के बाद चावल का दान करें.
वृश्चिक- पारिवारिक और आंखों की समस्या के योग हैं. धन और संपत्ति का नुकसान हो सकता है. यात्रा में बहुत सावधानी बरतें. ग्रहण के दौरान शिव मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा.
मेष- आपके रुके हुए काम पूरे होंगे. वाद-विवाद और मुकदमों से छुटकारा मिलेगा. शत्रु और विरोधी शांत होंगे. ग्रहण के बाद सफेद वस्तु का दान करने से आपको लाभ मिलेगा.
वृष- जीवन की समस्त बाधाएं दूर होंगी. करियर में लाभकारी परिवर्तन होगा. धन-संपत्ति से जुड़ी समस्याएं हल होंगी. बेवजह के विवाद दूर होंगे. ग्रहण के बाद सफेद मिठाई का दान करने वालों बड़ा लाभ मिल सकता है.
मिथुन- मिथुन राशि वालों को थोड़ा संभलकर रहना होगा. स्वास्थ्य और मुकदमेबाजी का ध्यान रखें. परिवार में विवाद और करियर में नुकसान हो सकता है. संतान पक्ष को समस्या हो सकती है. यात्राओं में विशेष सावधानी बनाए रखें. ग्रहण के बाद दूध का दान करने से लाभ मिलेगा.
कर्क- कर्क राशि वालों के लिए ये चंद्र ग्रहण काफी नकारात्मक रहेगा. शिक्षा और करियर में काफी मेहनत करनी पड़ेगी. स्थान परिवर्तन के मामले में विचार करें. स्वास्थ्य का बहुत ध्यान बनाए रखें. ग्रहण काल में शिव मंत्र का जप करें.
साल के इस आखिरी चंद्र ग्रहण पर ग्रहों का महासंयोग भी बन रहा है. चंद्र ग्रहण में राहु-चंद्रमा एकसाथ होते हैं. ग्रहण रविवार को है तो सूर्य की भी एंट्री हो गई, क्योंकि रविवार सूर्य देव का दिन है. यह साल मंगल का है तो मंगल भी आ गए. 7 सितंबर 2025 का मूलांक 7 (7+9+2+2+5) है, जो केतु का प्रतिनिधित्व करता है. चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद्र नक्षत्र में लग रहा है, जिसके स्वामी क्रमश: शनि और देवगुरु बृहस्पति हैं.
7 सितंबर का चंद्र ग्रहण जब अपने चरम पर होगा, तब आकाश में चंद्रमा सुर्ख लाल रंग का दिखाई देगा. खगोलविद इस घटना को 'ब्लड मून' कहते हैं. दरअसल, जब पृथ्वी की छाया सूर्य की रोशनी को रोक देती है, तब वातावरण में मौजूद धूल, गैस और अन्य कणों के कारण लाल रंग की किरणें ही चंद्रमा तक पहुंचती हैं. नतीजन चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देने लगता है.
पृथ्वी जब अपनी कक्षा में घूमते हुए सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो वह चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी को रोक देती है. और चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, जिससे चंद्रमा काला या लाल प्रतीत होने लगता है. खगोल शास्त्र में इसी घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ उपाय बहुत कारगर बताए गए हैं. कहते हैं कि ग्रहण काल की अवधि में मंत्र जाप, स्तुति या ध्यान करना उत्तम होता है. इस वक्त मंत्र साधना या प्रार्थना निश्चित तौर पर प्रभावशाली होती है. अगर कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं या दीक्षा लेना चाहते हैं तो वो भी ग्रहण काल में विशेष शुभ होता है.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12.57 बजे शुरू होगा. लेकिन यह सूतक तीन लोगों पर लागू नहीं होगा. इस सूतक में बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को विशेष छूट रहेगी. इनका सूतक 7 सितंबर की शाम 6 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगा. चंद्र ग्रहण के साथ ही सूतक भी समाप्त होगा.
इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर को 12.57 बजे शुरू होगा. इसी समय देशभर के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. भारत में दृश्यमान चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लागू हो जाता है, जिसमें मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं. ताकि श्रद्धालु भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न कर पाएं. सूतक में पूजा-पाठ भी बंद रहती है.
ज्योतिषविदों के अनुसार, यह भारत के लिहाज से भी अशुभ संकेत दे रहा है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब की स्थिति बिगड़ सकती है. पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष समस्याएं हो सकती हैं. प्राकृतिक आपदाओं और राजनीतिक उथल-पुथल के योग बनेंगे. बड़े राजनेताओं के भविष्य और स्वास्थ्य के लिए कठिन समय हो सकता है. भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ सकता है.
ज्योतिषविदों के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण के कारण पश्चिमी और मिडिल ईस्ट के देशों में तनाव बढ़ सकता है. पाकिस्तान में भी अफरा-तफरी मच सकती है. प्राकृतिक आपदाओं की संभावना रहेगी. वायुयान और अग्नि से जुड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं. धार्मिक और व्यापारिक मोर्चे पर नुकसान झेलने पड़ सकते हैं.
चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर 12.57 बजे शुरू हो जाएगा. इसलिए कुछ जरूरी कार्य सुबह-सुबह ही निपटा लें. जैसे- मंदिर जाकर पूजा-पाठ कर लें. 7 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध भी होगा तो सूतक से पहले ही पितरों का तर्पण, पिंडदान कर लें. तुलसी दल सूतक से पहले ही तोड़कर रख लें. ताकि उन्हें पके हुए खाने या जल में प्रयोग किया जा सके.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें खाना पकाने से बचना चाहिए. तवा या कढ़ाही में कुछ तलने या छोंकने से बचना चाहिए. नुकीली या धारदार चीजें जैसे चाकू, कैंची, सुई आदि का इस्तेमाल न करें. ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें. किसी सुनसान जगह पर जाने से बचें.
चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले लग जाता है. 7 सितंबर को दोपहर 12.57 बजे सूतक काल लग जाएगा. सूतक काल शुरू होने के बाद के खाना पकाना या भोजन करने से परहेज करना चाहिए. शुभ या मांगलिक कार्य न करें. किसी नए काम की शुरुआत से बचें. इस दौरान पूजा-पाठ भी वर्जित है. इसलिए मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं. सूतक में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें. गर्भवती महिलाएं भी विशेष सावधानी बरतें.
वैसे तो चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की है. लेकिन रात 11 बजकर 01 मिनट से रात 12 बजकर 22 मिनट के बीच चंद्र ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव दिखेगा. इस दौरान रात 11.42 बजे चंद्र ग्रहण अपने पीक पर होगा.
यह चंद्र ग्रहण पूरी दुनिया की लगभग 85% आबादी को दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका जैसी जगहों पर दिखाई देगा.
रविवार, 7 सितंबर को लगने जा रहा चंद्र ग्रहण इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी दिन पितृपक्ष की शुरुआत भी हो रही है. इस बार पितृपक्ष 7 सितंबर से शुरू होंगे और 21 सितंबर को इसका समापन होगा. 21 सितंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगेगा.
साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के कई विभन्न शहरों में दिखाई देगा. राजधानी दिल्ली सहित चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ , मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, भुवनेश्वर, गुवाहटी, भोपाल, नागपुर और रायपुर जैसे कई शहरों के लोग चंद्र ग्रहण का नजारा दिखाई देगा. लेकिन उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के लोग इसे नहीं देख पाएंगे, क्योंकि वहां चांद के निकलने से पहले ही ग्रहण समाप्त हो जाएगा.
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण रविवार, 7 सितंबर को रात 09.58 बजे आरंभ होगा और रात 01.26 बजे ग्रहण की समाप्ति होगी. चूंकि चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है. इसलिए इस चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर को 12.57 बजे शुरू हो जाएगा.