Chandra Grahan 2023: शनिवार, 28 अक्टूबर यानी आज साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण भारत समेत कई देशों से जा सकता है. शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा यह ग्रहण पूर्ण नहीं बल्कि आंशिक होगा. इसी वजह से इस ग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा.
चंद्र ग्रहण के दौरान कई चीजों को करने की मनाही की जाती है. चंद्र ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलने की सलाह भी दी जाती है. इसलिए चंद्र ग्रहण से पहले यात्रा नियमों को जान लेना जरूरी है.
शास्त्रों के अनुसार, किसी भी मनुष्य को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इसके साथ ही अगर उसकी किसी लंबी यात्रा पर जाने की योजना है तो उसे भी रद्द कर देनी चाहिए.
अगर कार्य इतना जरूरी है कि आपको घर से बाहर जाना ही पड़ेगा तो हमेशा अपने सिर के ऊपर कुछ न कुछ कपड़ा ढककर ही बाहर निकलना चाहिए. साथ ही ग्रहण काल के दौरान अगर किसी जरूरी कार्य को निबटाने के लिए निकले हैं तो उसे जल्द से जल्द पूरा करके घर लौट जाना ही बेहतर बताया गया है.
चंद्रमा की ओर भूलकर भी नहीं देखना चाहिए
वहीं कहा जाता है कि अगर आप चंद्र ग्रहण के दौरान घर से बाहर भी निकल गए हैं तो खास ध्यान रहे कि आपको भूलकर भी चंद्रमा की ओर से नहीं देखना है. ऐसी गलती करना आपको भारी पड़ सकता है. ग्रहण की अवधि में अपनी आंखों से चंद्रमा को सीधा देखने से बचाव करना कहा गया है.
चंद्र ग्रहण के दौरान अगर घर से बाहर हैं तो किसी चौराहे के आसपास जाने से भी बचना चाहिए. ग्रहण के दौरान ऐसे चौक-चौराहों पर जाने की मनाही है. इसके पीछे का कारण भी बताया गया है, जिसके अनुसार रात के समय ऐसी जगहों पर नकारात्मक शक्तियां सक्रिया हो जाती हैं. अगर मनुष्य का इन शक्तियों से संपर्क हो जाए तो यह नुकसानदायब साबित हो सकता है.
गर्भवती महिलाएं खासतौर पर रखें अपना ध्यान
गर्भवती महिलाओं के लिए किसी भी ग्रहण के दौरान यात्रा के नियम और ज्यादा सख्त हैं. गर्भवती महिलाओं को तो सूतक काल से ही घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि ऐसा नहीं करने पर गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर पर रहकर ही भगवान का नाम जपना चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान घर पर ऐसे करें भगवान की पूजा
ग्रहण को अशुभ काल माना जाता है. इसी वजह से जिस समय ग्रहण पड़ता है, उस समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. हालांकि, आप अपने घर पर पाठ-पूजा जरूर कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि इस दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें.
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