Lunar eclipse chandra grahan 2022 sutak kaal in India: साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022, मंगलवार को लगेगा. चंद्र ग्रहण को अंग्रेजी में लूनर इक्लिप्स (Lunar eclipse) कहते हैं. ज्योतिषियों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. आज चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार, शाम 5 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 18 मिनट तक दिखेगा और इसका सूतक काल सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा. ज्योतिषियों के मुताबिक, सूतक काल में कुछ कामों को करना वर्जित माना जाता है इसलिए सूतक काल शुरू होने से पहले कुछ कामों को निपटा लेना चाहिए. वह कौन से काम हैं इस बारे में जान लीजिए.
सूतक काल क्या होता है?
मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल को अशुभ काल या दूषित काल माना जाता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य को करना वर्जित माना जाता है. ग्रहण के खत्म होने के कुछ समय बाद सूतक काल समाप्त होता है उसके बाद मांगलिक कार्यों को करने की सलाह दी जाती है. जिन जगहों पर ग्रहण दिखाई देता है सूतक भी उन्हीं जगहों पर मान्य होता है. उदाहरण के लिए अगर ग्रहण भारत में नहीं दिख रहा है तो भारत में उसका सूतक भी मान्य नहीं होता.
खाना ना बनाएं
सूतक काल में खाना बनाना वर्जित माना जाता है इसलिए सूतक से पहले ही खाना बनाकर रख लें. मान्यता है कि सूतक काल को दूषित काल माना जाता है इसलिए इस समय खाना बनाने से बचना चाहिए. यह नियम वृद्ध, बीमार और गर्भवती महिलाओं पर लागू नहीं होता.
मंदिर के कपाट बंद कर दें
ज्योतिषियों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान की पूजा करना वर्जित होता है इसलिए घर या मंदिरों में भगवान के कपाट बंद रखना चाहिए. साथ ही साथ प्रतिमाओं को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए. ग्रहण समाप्त होने के बाद नहाकर मंदिर के कपाट खोलें और फिर मंदिर धोएं और फिर पूजा करें.
तुलसी के पत्ते तोड़ कर रख लें
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए इससे खाने की चीजें ग्रहण के प्रभाव से बच जाती हैं इसलिए खाने-पीने की चीजों में डालने के लिए तुलसी के पत्ते तोड़ लें. सूतक और ग्रहण के दौरान पेड़-पौधों को भी स्पर्श करना भी वर्जित माना जाता है इसलिए सूतक काल शुरू होने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें.
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